मणिपुर हिंसा: कुल दर्ज 3 हज़ार 23 मुकदमो हेतु गठित 42 एसआईटी ने अब तक केवल 192 मामलो में आरोप पत्र किया दाखिल, 742 संदिग्धों की किया पहचान और 384 को किया गिरफ्तार

ईदुल अमीन

डेस्क: मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 42 विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए गए थे, लेकिन 42 एसआईटी ने 3,023 दर्ज मामलों में से केवल 192 मामलो में ही आरोपपत्र दाखिल किए हैं।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कार, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध, आगजनी, लूटपाट, हत्या जैसे जघन्य अपराधों से संबंधित केवल 192 मामलों में चार्जशीट दाखिल हुई है। देश भर से पुलिस अधिकारियों को शामिल करके अगस्त 2023 में गठित एसआईटी ने 20 नवंबर तक 384 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, 742 संदिग्धों की पहचान की और 11,901 गवाहों से पूछताछ की। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 574 आरोपियों पर आरोप तय किए जा चुके हैं। एसआईटी ने राज्य में पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 501 हथियार और 13,464 गोला-बारूद भी जब्त किए हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, एसआईटी को छह समूहों में विभाजित किया गया- एक समूह हत्या और जघन्य अपराध के मामलों के लिए, दूसरा समूह बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिए और अन्य चार समूह आगजनी, लूटपाट और अन्य अपराधों से संबंधित मामलों के लिए।

42 एसआईटी हत्या के 126 मामलों, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के नौ मामलों और लूटपाट, आगजनी तथा अन्य संपत्ति अपराधों के 2,888 मामलों की जांच कर रही हैं। राज्य में जातीय हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और तब से जारी है- इसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं, हजारों लोग विस्थापित हुए और राज्य जातीय आधार पर तेजी से विभाजित हो गया।

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