दिल्ली में स्कूल उड़ाने की मिल रही धमकियों पर गर्म हुई सियासत
आदिल अहमद
डेस्क: दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें उन्होंने दिल्ली के स्कूलों को चंद महीनों पहले बम से उड़ाने की धमकियों पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया, ‘स्कूलों को 12 फरवरी से ईमेल्स के ज़रिए बम से उड़ाने की धमकी मिल रही थी। इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है। यह ईमेल्स एक बच्चे ने भेजे थे। उसने 400 से ज़्यादा स्कूलों को यह धमकी भरे ईमेल भेजे थे।’
उन्होंने कहा कि ‘हमने यह पता करने की कोशिश की कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। जब हमने जांच की तो यह बात सामने आई कि बच्चे के पैरेन्ट्स में से एक ऐसे संस्थान से ताल्लुक रखते हैं, जो एक एनजीओ से जुड़ा है। और यह एनजीओ एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है। हम यह जांच कर रहे हैं कि इस मामले में राजनीतिक दल से जुड़े एनजीओ की भूमिका का उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना तो नहीं है।’
इससे पहले, बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि आम आदमी पार्टी का संबंध ऐसे एनजीओ से रहा है, जिन्होंने अफ़ज़ल गुरू की फांसी का विरोध किया था। और फ़रवरी 2015 में जो ‘टुकड़े-टुकड़े’ स्लोगन उठाया गया था, वो अफ़ज़ल गुरू की डेथ एनिवर्सरी पर किया गया था। आम आदमी पार्टी ने महीनों तक उस फ़ाइल को बंद करके रखा था।’
उन्होंने आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘इन एनजीओ के वो कौन से लोग हैं और वो किस तरह आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं? हम आम आदमी पार्टी से स्पष्ट जवाब चाहते हैं। यदि वो साफ़ जवाब नहीं देते हैं, तो इससे संदेह पैदा होगा।’ इस पर आम आदमी पार्टी के सांसदसंजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी स्कूल के बच्चों को मिली धमकियों का राजनीतिकरण कर रही है। पहली धमकी मई 2024 में मिली थी। अब क़रीब 9 महीने बाद बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे हैं। वो अलग-अलग एनजीओ की कहानियां बता रहे हैं। वो सबकुछ जानते हैं। 10 महीने तक कोई जांच नहीं की गई। मगर, चुनाव से 15 दिन पहले वो अब मनगढ़ंत कहानी लेकर आ गए हैं। बीजेपी को न दिल्ली की सुरक्षा से मतलब है और राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है।’