तंबाकू है प्राणघातक, हार्टअटैक व कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा: डा० अरविंद श्रीवास्तव (प्रवक्ता होम्योपैथी)

आसिफ़ रिज़वी
मऊ: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर डाक्टर अरविंद श्रीवास्तव के इमिलिया, मऊ स्थित आवास से एक जनजागरूकता गोष्ठी व रैली का आयोजन किया गया। रैली इमिलिया मुहल्ला होते हुए गाजीपुर तिराहा पर समाप्त हुई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए होमियोपैथिक प्रवक्ता डा० अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि तंबाकू का किसी भी रूप में  (सुरती, गुटखा, पान, बीड़ी, सिगरेट) सेवन सेहत के लिए अत्यंत ही खतरनाक है। तंबाकू में निकोटिन नाम का तत्व होता है जो खून में मिलकर ब्रेंन तक जाता है जिससे व्यक्ति को वक्ती सुकून मिलता है, और जब हमारें शरीर में निकोटिन नही पहुँचता तो दिमाग हमें अलग-अलग हॉरमोंस के माध्यम से इसको लेने के लिए मजबूर करता है, और हम धूम्रपान के जरिए निकोटिन दिमाग को खून के माध्यम से पहुँचाते है, इसी को धूम्रपान की लत कहते है।

तंबाकू के धुएँ में 4000 से भी ज्यादा प्रकार के केमिकल्स होते हैं जिसमें से लगभग 250 केमिकल्स हमारे शरीर के लिए बेहद नुकसानदेह होते है, जो विभिन्न तरह से कैंसर का कारण बनते हैं। लगातार धूम्रपान करने से फेफड़े की नलिया सिकुड़कर खराब होने लगती हैं, आगे चलकर पुरानी खाँसी, दमा, फेफड़े का कैंसर, क्रानिक आब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी जानलेवा बीमारी से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है।
केवल यहीं नही धूम्रपान से मुख कैंसर, ब्रेन कैंसर, गर्दन का कैंसर, भोजन की नली का कैंसर, पैनकृयाज का कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।                       
डाक्टर साहब नें आगे बताया कि धूम्रपान छोड़ना कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। दृढ़ इच्छाशक्ति व संकल्प से कुछ भी संभव है। जैसे ही इसके लत की जानकारी हो, जितना जल्दी हो सके इसे त्याग दें। अगर समय रहते इससे तौबा कर लिया तो आपने साथ-साथ अपने परिवार को भी कई रोगों से बचा सकते हैं। आज पूरा विश्व इस समस्या से परेशान है। जानकार ताज्जुब होगा कि आज तंबाकू/धूम्रपान विश्व में सर्वाधिक मौतों का कारण बन गया है। विश्व में लगभग प्रत्येक वर्ष 70 लाख लोग अपनी जान गँवा रहे है। अकेले हिन्दुस्तान में 10 लाख लोगों की मौत की वजह बन गया है।
जिला अस्पताल मऊ की होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा० नम्रता श्रीवास्तव ने कहा कि आज सबसे ज्यादा युवा वर्ग इसके शिकार हो रहे है, जिनके कंधों पर भारत का भविष्य निर्भर है। पढ़ी लिखी लड़कियों व कामकाजी महिलाओं द्वारा भी इसका इसका इस्तेमाल किया जाना बेहद चिंतित करता है। गर्भावस्था में इसके सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंदर विकृति या विकास प्रभावित होने का खतरा होता है। अगर किसी को मुंह खोलने में दिक्कत हो या 4 सेन्टी मीटर से मुँह कम खुल पा रहा हो या मुँह के अंदर सफेद, लाल, या पीला रंग का जख्म बार -बार बने या बहुत दिनों से ठीक नहीं हो रहा हो तो धूम्रपान तुरंत बंद कर तत्काल किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। धूम्रपान के लती व्यक्ति से लड़-झगड़कर कोई फायदा नही होने वाला, ऐसे मरीज से जितना हो सके प्यार से पेश आएं और कोशिश कर किसी अच्छे चिकित्सक से मिलवाना चाहिए। और यदि जरूरी हुआ तो खून इत्यादि की जांच कर दवाओं से इसे विल्कुल ठीक किया जा सकता है। होम्योपैथिक दवाइयाँ भी इसमें अत्यंत कारगर है। साथ में समय-समय पर मरीज की साइकोलाजिकल काउंसिल करनी पड़ती है। नशे से मुक्ति थोड़ी मुश्किल जरूर है मगर नामुमकिन नहीं। उन्होने वहॉ उपस्थित सभी मुस्लिम बंन्धुओं को रामजान की बधाई दी और कहा कि जो लोग भी तंबाकू व धूम्रपान का सेवन करते हैं, उन्हें प्रयोग के तौर पर इबादत के इस महीने में इसे त्यागने का भी संकल्प लेना चाहिए, हो सकता है एक माह की दूरी के उपरांत आपको इसके सेवन से नफरत हो जाए और आप इससे छुटकारा पाने में सफल हो जाएँ।
उक्त अवसर पर प्रफुल्ल, रामबिजय,श्रीप्रकाश, सरिता, हरिनारायण पांडेय, प्रिया, आदिति, आयुष, कंचन, चंदन श्रीवास्तव, शबाना, पुनीता, अभिषेक, लालसा, मुरलीधर राय, दामिनी इत्यादि उपस्थित रहे।

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