वाराणसी – पटरी व्यवसायी का आरोप चौकी इंचार्ज को एक हज़ार नहीं दिया तो मेरा सामान फेक दिया सड़क पर
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पीड़ित के आरोपों का वीडियो
निलोफर बानो
वाराणसी. सिगरा थाना क्षेत्र के नगर निगम के पास शहीद उद्यान के आगे लगे खोमचे ठेले वालो पर आज चौकी इंचार्ज नगर निगम ने कार्यवाही करते हुवे उनकी दुकाने हटवाई. अतिक्रमण को हटाने के साथ ही जहा सोशल मीडिया पर उनकी इस कार्यवाही के पक्ष में समाचार फ्लैश होना शुरू हुवा वही थोड़ी देर बाद ही इस कार्यवाही के उंगली दिखाता एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में क्षेत्रिय खोमचे के दुकानदारो ने चौकी इंचार्ज के कार्यशैली पर ही सवालिया निशान लगा दिया है.
वीडियो में प्रभावित दुकानदारो ने इसको पक्षपात पूर्ण रैवैया बताते हुवे आरोप लगाया है कि चौकी इंचार्ज ने विगत पखवारे इन दुकानदारो से दूकान लगाने के नाम पर 8 हज़ार रुपया नगद सुविधा शुल्क लिया है वही एक दुकानदार से 15 हज़ार लिया है. वीडियो में लगाये गए आरोपों के अनुसार आज चले अभियान के पूर्व चौकी इंचार्ज ने दुकानदारो से एक हज़ार रुपया प्रति दुकानदार जहा मांग किया था जिसको पूरा न करने पर दो दुकानों के खाने के सामान सड़क पर फेक दिए वही उसके ठीक बगल के लगने वाली दूकान को कुछ भी नहीं कहा. साथ ही एक दूध का कारोबार करने वाले को भी कुछ नहीं कहा गया, पटरी व्यवासियो ने वायरल हो रहे इस वीडियो में आरोप लगाया है कि चौकी इंचार्ज नगर निगम पहले तो 8 हज़ार रुपया सुविधा शुल्क का लेकर गए है फिर उन्होंने फरमान कहलवा दिया कि हर दुकानदार को एक हज़ार रुपया प्रति व्यवसायी मांग रहे थे.
विदित हो कि आज दोपहर में सिगरा थाना अंतर्गत आने वाले नगर निगम चौकी इंचार्ज ने शहीद उद्यान के सामने से खोमचे ठेले वालो को हटवाया था, वायरल हुवे वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छोले भठूरे वाले दुकानदार का सामान सड़क पर फीका हुआ है वही एक लिट्टी चोखे वाले का भी सामान सड़क पर फीका हुआ है. ज्ञातव्य हो कि आस पास के कार्यालयों में काम करने वाले निजी कंपनियों के कर्मी के अलावा आम नागरिक दोपहर की भूख को इसी पटरी व्यवसायियों के द्वारा बेचे जाने वाले सामानों से पेट भर कर मिटाते है. इस वायरल हुवे वीडियो में छोले का बर्तन जहा सड़क पर पड़ा है वही छोले और भठूरे सड़क पर बिखरे पड़े है. पास ही में एक लिट्टी चोखे वाले की लिट्टी सड़क पर पड़ी दिखाई दे रही है. वीडियो में कल्लू नमक एक युवक चौकी इंचार्ज नगर निगम पर मार पीट का भी आरोप लगा रहा है और खुल्लम खुल्ला कह रहा है कि चौकी इंचार्ज को पूर्व में 8 हज़ार रुपया दे चूका है दुकान लगाने का.
जो भी हो अगर आरोपों में सत्यता है तो फिर इस अतिक्रमण हटाओ अभियान को अमीर माफ़ और गरीब साफ़ के तर्ज पर देखा जा सकता है. सब मिलकर आज कि यह कार्यवाही इस वीडियो वायरल होने के बाद संदेह के घेरे में है और जनता इस कार्यवाही को शक के नज़र से देखा रही है. वही क्षेत्र में इस सम्बन्ध में तरह तरह कि चर्चा आम हो रही है.