बलिया में गली को बार बनाने वाले शराबियो पर पुलिस का चला डंडा
दर्जनभर शराबी आये पुलिस की गिरफ्त में
मुहल्ले वाले कर रहे है दुकान का विरोध
जब से सर्वोच्च न्यायालय ने एनएच से शराब की दुकानों को हटाया है शराब बिक्रेताओं ने शासनादेशों की धज़्ज़िया उड़ाते हुए रिहायशी इलाकों में दुकानों को खोलकर आमजन को परेशानी में डाल रखा है । शासनादेश है कि मंदिर मस्जिद चर्च विद्यालयों से ऐसी दुकाने कम से कम 200 मीटर दूर खुलनी चाहिये लेकिन बलिया शहर में एनएच से हटी दुकानों ने उपरोक्त सारे नियमो को ताक पर रखकर दुकाने शराब बिक्रेताओं द्वारा खोल कर इसकी बिक्री की जा रही है । विशुनीपुर पानी टंकी स्थित चर्च में ही दो दुकाने खुल गयी है ।
दुकान खुलने के साथ ही दारूबाज बगल की गली को ही बार बनाकर खुलेआम पीने लग जा रहे है जिससे इधर आना जाना मुश्किल हो जा रहा है । मुहल्ले वालो की पुलिस अधीक्षक बलिया सुजाता सिंह से शिकायत के बाद शहर कोतवाल , ओकडेनगंज चौकी इंचार्ज मय दल बल पहुँच कर लगभग एक दर्जन शराबियो को जो गली में शराब पी रहे थे पकड़ कर कोतवाली ले गयी । छापेमारी की सूचना पर शिकायतकर्ता अली औसद एडवोकेट के नेतृत्व में मोहल्ले वासी भी पहुँच कर शहर कोतवाल से अपनी बातें बताकर खुली दुकानों को अवैध और शासनादेश का उल्लंघन बताया जबकि शराब कम्पनी के मैनेजर जगदंबिका ने दुकान संबंधी अपने कागजात दिखाये । शहर कोतवाल ने शनिवार को दिन में मोहल्ले वासियो के आरोपो को शासनादेश के क्रम में जाँच कर अपनी रिपोर्ट लगाने की बात कही । वही कासिमबाजार बनकटा मार्ग पर नगर पालिका के कटरे में किरायेदार से किराये पर दुकान लेकर हनुमान मंदिर से 50 मीटर से भी कम दूरी पर दुकाने खोलकर शराब की जम कर बिक्री हो रही है , इसको रोकने वाला कोई नहीं है । स्थानीय लोग तो मुख्यमंत्री योगी के राज में मंदिर मस्जिद चर्च विद्यालयों के पास शराब की बिक्री को शराब माफियाओ के आगे सरकार की घुटने टेकने की नीति कहने लगे है । कहना है कि सपा के राज में तो कम से कम धार्मिक स्थानो के पास यह नहीं होता था । धार्मिक भावनाओं के सहारे सत्ता में आयी भाजपा के शासनकाल में धार्मिक स्थानों की पवित्रता खतरे में पड़नी सोचनीय प्रश्न है ।