तीन तलाक पर बात करने वाले पहले कुरआन और हदीस पढ़ ले, इस्लाम को जान ले फिर बात करे – आज़म खान
रविशंकर दुबे
रामपुर में आज उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खाँ ने मीडिया से बात की और एक बार में तीन तलाक़ को लेकर जो चर्चा चल रही है उस पर कहाकि पहली बात तो तीन तलाक़ को लोग समझने की कोशिश करे. जब समझ ले पढ लिख ले थोड़ा तब तीन तलाक़ पर बात करे, तीन तलाक पर बात करने वाले क़ुरान पढ़े, हदीस भी पढ़े और इस्लाम को जान ले उसके बाद तीन तलाक़ पर बात करे क्योकि हम समझा भी नहीं पायेंगे और जितना हम समझायेंगे वे आप दिखा नहीं पायेंगे. पहले इस्लाम को समझने की ज़रूरत है फिर इस्लाम को इलज़ाम देने की ज़रूरत है
बूचड़खाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर उन्होंने कहाकि ये तो राज्य सरकार जानती थी, मोदी जी भी जानते थे, योगी जी भी जानते थे कि वह जो कुछ कर रहे हे ये सिर्फ माहौल खराब कर रहे है. ये केवल वोट लेने के लिए कर रहे है ये सबको मालूम था कि कानून क्या कहता है और अदालते इस पर क्या फैसला देंगी. जनता का केवल ध्यान भटकाना था उनको और ध्यान भटकाना है. नौकरिया कहाँ है, नौजवान बेरोजगार फिर रहा है. वह सड़कों पर लोगो को पकड़ पकड़ कर मार रहा है. पैसे छीन रहा है. कभी गाय, कही भैस, कही लव जिहाद एंटी रोमियो तो ये जो नौजवान सड़कों पर निकला हुआ है पैसे कमाने के लिए उन्हें नौकरिया देना चाहिए. जैसा मोदी जी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ नौजवानो को नौकरी देने को. सारे किसानों का क़र्ज़ा माफ़ करेंगे अब क्यू कि कुछ भी नहीं हो सका लिहाज़ा अराजकता की तरफ ले गए नौजवान को. अपराधी बना दिया. अपराधियो की इतनी बड़ी फ़ौज तैयार कर दी जायेगी. ये सिर्फ इसी वजह से है कि जिन वायदों पर वोट लिया है उनमें से एक वायदा भी पूरा नहीं किया है अब आप देख रहे हो कानून व्यवस्था इतनी खराब है शायद ही 1947 के बाद उत्तर प्रदेश ये हालात हुए हो मंगलसूत्र तक छीन लिए गए
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती से अपने जान का खतरा बताया इस पर आज़म खाँ ने कहा कि मेरे ख्याल से बातें सियासत में जिस तरह से हो रही हे ये सभी नामुनासिब है, और ज़ाहिर है मैंने पहले भी कहा था राजनीतिक पार्टियां लोगो को इस्तेमाल करती है और जब वे क़ाबिल-ए-इस्तेमाल नहीं रह जाते तो उनका हश्र अच्छा बुरा सब होता है लेकिन भारीपन रहना चाहिए. नसीमुद्दीन साहब को भी हमारी राय है कि थोड़ा संयम रखे भारीपन से अपने आप को पेश करे.