कानपुर – देखे कैसे बच्चो के जेब पर डाका डाल रहे है ये आइसक्रीम कारोबारी

थाना प्रभारी ने छायाकार को दिया मुकदमा लिख कर जेल भेजने की धमकी 
मुहम्मद नदीम / समीर मिश्रा  
कानपुर. बच्चो के लिए गर्मियों के मौसम में सबसे दिलचस्प
खाद्य प्रदार्थ होता है आईसक्रीम. बच्चो के साथ साथ बड़े भी अक्सर इसका लुत्फ़ उठाते
नज़र आ जाते है. बच्चे अक्सर अपने पॉकेट मनी का अधिकतम हिस्सा बचा कर आईसक्रीम में
खर्च करते है. मगर काले कारोबारियों को अपने अधिक मुनाफे के लिए इन मासूम बच्चो के
जेब पर भी डाका डाल देते है. इसकी एक बानगी कानपुर में देखने को मिली जहा दिनशा
आईसक्रीम को एमआरपी से उचे दामो पर बेचा जा रहा है और बच्चो के जेब पर डाका डाला
जा रहा है. ये गर्मियों के मौसम में सफ़ेद कारोबार के अन्दर घुसे काले कारोबारियों
के द्वारा एमआरपी को मिटा कर 25% से लेकर 40% तक ऊँचे दामो पर बेचा जा रहा है.

इसका संज्ञान हमको कल दिनाक 7 मई को देखने को मिली जब इस
कम्पनी के एक आईसक्रीम के फेरी वाले से हमने एक आईसक्रीम का कोर्नितो कोन ख़रीदा.
फेरी वाले ने हमसे इसका दाम 25 रुपया माँगा. हमने जब इसकी एमआरपी देखा तो एमआरपी
को खुरच दिया गया था. जैसा आप फोटो में देख सकते है कि एमआरपी खुरचने के बाद भी
इसका अधिकतम खुदरा मूल्य रुपया 20 नज़र आ रहा था. हमने जब इस सम्बन्ध में फेरी वाले
से पूछा तो उसने बताया कि यह दाम हमारे एजेंसी मालिक के द्वारा बता कर दिया जाता
है. एजेंसी मालिक ही दाम को मिटा कर माल हमको देता है. हमको शाम को इसी भाव पर
बिक्री का हिसाब उसको देना होता है. हमको सिर्फ अपने कमीशन से मतलब होता है.
इस काले कारोबार के सम्बन्ध में हमने एजेंसी मालिक अंकुर से
 उसके गोदाम पर जाकर बात किया तो पहले तो
उन्होंने इस ओवर रेटिंग से साफ़ इनकार किया फिर जब हमने उनको इस सम्बन्ध में अपने
द्वारा एकत्र साक्ष्य दिखाया गया तो अंततः वो बरबस बोल पड़े कि क्या किया जाय खर्चो
को मेंटेन करने के लिए इतना करना पड़ता है. सिर्फ एजेंसी के खर्च के अलावा अन्य कई
खर्च है उसको देखना पड़ता है. कम्पनी द्वारा दिए गए मुनाफे में से कुछ बचता ही कहा
है तो ओवर रेटिंग थोडा बहुत कर लिया जाता है.
थाना प्रभारी हरबंशमोहाल ने दिया छायाकार को मुकदमा लिख कर जेल भेजने की धमकी 

इसी बीच हमारे समाचार संकलन का संज्ञान स्थानीय थाना
प्रभारी थाना हरबंश मोहल को पता चला तो थाना प्रभारी महोदय ने साथ उपस्थित एक अन्य मीडिया हाउस के छायाकार अरुण कश्यप को
फ़ोन कर हड़काना शुरू कर दिया कि सब पत्रकारिता धरी रह जाएगी और मुकदमा लिख दूंगा
तुम्हारे ऊपर चले जाओगे जेल. अब दुबारा वहा नहीं जाना. अगर तुमको महंगा लग रहा है
आईसक्रीम तो जाकर कन्ज़ियुमर फोरम में शिकायत दर्ज करवाओ मेरे इलाके में ये
पत्रकारिता नहीं चलेगी. अब हमको एजेंसी मालिक के अन्य खर्च का मतलब साफ़ समझ आने
लगा था. अब हम समझ रहे थे कि ये अन्य खर्च का एजेंसी मालिक का क्या मतलब होता है. 

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *