कानपुर का घंटाघर सफाई के मामले मे सबसे फिसड्डी

अमित कश्यप के साथ कैमरा पर्सन अरुण कश्यप.शावेज आलम
कानपुर:-जहां योगी जी लखनऊ मे खुद झाडू लगा रहे है वही कानपुर के सफाई कर्मचारी लगता है जैसे उन्हे मुंह चिढा रहे है। शहर के घंटाघर जैसे इलाके में गन्दगी का ऐसा अम्बार है कि इधर से नाक बंद करके गुज़रना पड़ता है. पास ही बच्चो का अस्पताल है मगर नगर निगम को इसकी भी परवाह नहीं है कूड़ा घर के पास ही मोहन चिल्ड्रेन अस्पताल है जहां छोटे बच्चो का इलाज होता है ऐसे मे ये कह पाना गलत नही होगा की नगर निगम कितना सक्रिय है।आज तक कूड़ा घर की दीवाल तक नही उठी जिससे आवारा जानवर कूड़ा घर मे न घुस पाये ।जानवर विषाक्त सामाग्री व प्लास्टिक पन्नी खा जाते है और बीमार हो जाते ।

कूड़ाघर से कुछ दूरी पर ही है लोकमन मोहाल के सभासद कैलाश नाथ पाण्डेय की लस्सी की दुकान जहां लोगों कॊ सेहत मंद लस्सी पिलाई जाती है क्या ऐसी लस्सी सेहत मंद हो सकती है जहां कूडे का ढेर लगा हो। क्योंकि जो कूड़ा है उसमे से कितने ही।विषाक्त कीटाणु हवा के साथ खाने पीने की चीजो मे गिरते होंगे।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *