अब पत्रकारो का उत्पीड़न बरदास्त नही, कहना मात्र जले पर नमक छिड़कना
शाहजहाँपुर:-(इमरान सागर की कलम से) पत्रकारो को विभिन्न कार्यकर्मो के मौको पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचते शासनिक एंव प्रशासनिक अधिकारी ही नही बल्कि पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी चन्द पल की वाहवाही लूटने को बड़ी आसानी से पत्रकारो के हिमायती बन झोक में कह देते हैं कि अब पत्रकारो का उत्पीड़न बरदास्त नही किया जाएगा!
बीते दो वर्ष में जनपद के विभिन्न क्षेत्रो में कार्यरत पत्रकारो पर विभिन्न प्रकार से उत्पीड़न के मामले सुनने में आ रहे हैं इतना ही नही जान से मारने की धमकियां और जानलेवा हमलो में बढ़ौतरी हुई! ताजा घटना जनपद नगर के दनिक जागपण संवाददाता के साथ जहाँ जिलाधिकारी द्वारा अभद्रता कर उत्पीड़न किया गया तो वहीं तिलहर में आधा माह के अंतराल में तीन तीन पत्रकारो के साथ मारपीट और जानलेवा हमला तक हुआ! पत्रकारो की तमाम कोशिशो के बदले पत्रकार की ओर से पहले मुकदमा तक नही लिखा गया! जहाँ तक पत्रकार संगठनो की बात है तो यह भीसमझ से परे है कि पीड़ित पत्रकारो की मदद करने की बजाय उल्टा राजनीति खेल खेल कर उल्झन में ही डालते नज़र आते हैं! एैसे में पत्रकार जाएें तो कहाँ जाएें! जमाने भर को अपनी कलम और कैमरे के बल पर जागरुक करने वाले पत्रकारो को बदले में क्या मिलता है,मात्र उत्पीड़न एंव जानलेवा हमले!