सोहा अली पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश, 18 साल की उम्र में गन लाइसेंस बनवाने का आरोप
शबाब ख़ान
चंडीगढ़/गुड़गांव. एक्ट्रेस सोहा अली खान के खिलाफ हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस एन.के. अग्रवाल ने फर्जी हथियार लाइसेंस बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सर्टिफिकेट के मुताबिक, सोहा ने 18 साल की उम्र में ये लाइसेंस बनवाया था, जबकि इसके लिए एलिजिबिलिटी 21 साल है।
मामला जून 2006 का है। इसमें झज्जर में काले हिरण के शिकार में इस्तेमाल की गई 12 बोर की बंदूक सोहा के लाइसेंस पर जारी की गई थी। यह बंदूक सुल्तान नाम के शख्स से सोहा अली के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी राइफल से सोहा के पिता द्वारा काले हिरण का शिकार 5 जून 2005 को किया गया था। राइफल को जब्त कर लिया गया था, लेकिन लाइसेंस पर यह दर्शाया नहीं गया था। उस वक्त उपमंडल अधिकारी ने बिना किसी फिजिकल वैरिफिकेशन के ही सोहा के लाइसेंस का 4 नवंबर 2008 तक के लिए रिन्यू कर दिया। सोहा के पिता वाला मामला झज्जर थाने का था और लाइसेंस थाना पटौदी से संबंधित था। जांच में बताया गया है कि झज्जर में दर्ज मामले की जानकारी पटौदी थाने को नहीं थी।
इसी कारण लाइसेंस को जब्त नहीं किया गया। तब कलेक्टर रहे राकेश गुप्ता ने सोहा के लाइसेंस को दोबारा रिन्यू किए जाने की एप्लिकेशन पर कार्रवाई करते हुए 8 मई 2008 को लाइसेंस रद्द कर दिया। हालांकि तब तक सोहा के लाइसेंस की मूल फाइल गायब हो चुकी थी। कलेक्टर ने कम उम्र में लाइसेंस जारी करने और फाइल गुम हो जाने की जांच के भी आदेश दिए थे।
जांच हुई, लेकिन आरोपी कोई नहीं बनाया
मामले की जांच तब एडीसी रहे अभय सिंह यादव से जांच कराई गई। हैरानी वाली बात यह रही कि यादव ने अपनी जांच में किसी भी अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया। लाइसेंस जब्त होने के बाद ही मामला खत्म हो गया था, लेकिन पीपल फार एनिमल के चेयरमैन नरेश कादियान के शिकायत करने के बाद मामला फिर सामने आया। सोहा ने लाइसेंस को उसके पुलिस कस्टडी में होते हुए रिन्यू भी कराया हुआ है।
लोकायुक्त के पास आई शिकायत के बाद फिर से जांच
सोहा के अवैध ढंग से वेपन लाइसेंस बनवाने की शिकायत लोकायुक्त के पास 2016 में आई थी। लोकायुक्त के रजिस्ट्रार ने पूरे मामले की जांच और सुनवाई के बाद लोकायुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। 20 अप्रैल को सुनवाई करते हुए लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, झज्जर के एसपी और झज्जर के कलेक्टर समेत 5 लोगों को अपना पक्ष रखने और 24 जुलाई से पहले रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
लोकायुक्त के आदेश में तब सोहा अली खान पर एफआईआर दर्ज करने की बात नहीं थी, लेकिन 27 अप्रैल को लोकायुक्त के आदेश की कॉपी जब कादियान के पास पहुंची तो इसका पर्दाफाश हुआ। रजिस्ट्रार की सिफारिश पर शनिवार को लोकायुक्त ने सोहा और पूरे मामले में शामिल अफसरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश इसलिए दिए हैं कि लाइसेंस कम उम्र में कैसे बना दिया गया।