हाल-ए-कानपुर घंटाघर – दो बूंद पानी की भी प्यास नहीं बुझती है साहेब
रिपोर्ट:-अमित कश्यप के साथ कैमरा पर्सन अरुण कश्यप
कानपुर:-घंटाघर जो कानपुर का सबसे व्यस्त चौराहा है।निकट ही रेलवे स्टेशन भी है।जहां से रोजाना हजारो यात्री सफर की शुरुआत करते है और कई यात्री घण्टों कई सवारी गाड़ी का भी इंतजार करते है।ऐसे में ऐसी भीषण गर्मी में यात्री बिना पानी के इधर उधर भटकते है।यात्रियों के सामने एक ही रास्ता बचता है या तो 2 रुपए का पाउच या फिर 20 रुपए की बोतल।ये तो वही बात हुई
-नंगा नहायेगा क्या और निचोडेगा क्या
ऐसी स्थिती में गरीब आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।क्योंकि घंटाघर जैसे चौराहे में एक भी हैण्ड पम्प सुचारु रूप से काम नही कर रहा ।और क्षेत्र के पार्षद और विधायक केवल एसी.और कूलरो में दिनभर दुबके बैठे रहते है।चुनाव के पहले तो खूब पैदल चलते है।पर जीत जाने के बाद कुम्भकर्ण की भाँति कही सो जाते है।क्या ऐसे नेता को प्यास का एहसास नही है क्या किसी गरीब की प्यासी आत्मा की पुकार इन्हे सुनाई नही देती।क्षेत्र की जनता भी इनके घरो के चक्कर लगा लगा कर थक जाते है।पर विधायक और पार्षद के कान केवल कान साफ करने वालो के इंतजार में बैठे रहते है।
घंटाघर स्थित पानी की टंकी भी कई सालो से पड़ी है खराब
ये पानी की टंकी राजा सेठ होटल के सामने कई दिनो से खड़ी है।पर ऐसी भीषण गर्मी में इसकी तरफ़ किसी भी नेता का ध्यान नही जा रहा है।ट्रांसपोर्ट के कई दुकान दारों ने काफी कोशिश की पर पानी की टंकी की किसी ने सुध नही ली।