फ्रांस के संभावित राष्ट्रपति अपनी असाधारण प्रेम कहानी के लिए भी चर्चा में हैं

39 वर्षीय इमानुएल माक्रों ने अपने से 25 साल बड़ी ब्रिजित तरोग्नयूक्स से शादी की है और इस शादी का प्रस्ताव उन्होंने महज 17 साल की उम्र में रखा था

शबाब ख़ान

अगले महीने फ्रांस के लोग अपना नया राष्ट्रपति चुनेंगे। पहले दौर के चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार इमानुएल माक्रों 24।1 फीसदी वोट पाकर पहले स्थान पर जबकि घोर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन 21।3 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। इसके अलावा फ्रांस की प्रमुख पार्टी रिपब्लिकन तीसरे और राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टी सोशलिस्ट पांचवें नंबर पर रही।

इन नतीजों के बाद इमानुएल माक्रों और मरीन ले पेन ही राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में बचे रह गए है जिनके बीच दूसरे और अंतिम दौर का चुनाव सात मई को होगा। दूसरे दौर के चुनाव में इमानुएल माक्रों के जीतने की संभावना सबसे ज्यादा जताई जा रही है क्योंकि सोशलिस्ट और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों ने अपना समर्थन उन्हें देने की घोषणा कर दी है। 
फ्रांस का यह चुनाव कई राजनीतिक वजहों से तो चर्चा में है ही, इमानुएल माक्रों की प्रेम कहानी को लेकर भी यह चुनाव दुनिया भर में काफी ज्यादा चर्चा बटोर रहा है। 39 वर्षीय माक्रों ने अपने से उम्र में 25 साल बड़ी महिला ब्रिजित तरोग्नयूक्स से शादी की है। इस समय ब्रिजित की उम्र 64 साल है। एक समय वे माक्रों की शिक्षिका थीं।
एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में माक्रों बताते हैं कि 1992 में उनकी प्रेम कहानी फ्रांस के शहर एमिंस के एक पब्लिक स्कूल से शुरू हुई थी जिसमें वे छात्र थे और ब्रिजित साहित्य और ड्रामा की टीचर थीं। एक ड्रामा में अभिनय करने के दौरान उनकी मुलाकात ब्रिजित से हुई थी। ड्रामा खत्म होने के बाद वे उन्हें साहित्य भी पढ़ाने लगी थीं। माक्रों के एक मित्र बताते हैं कि साहित्य की क्लास के दौरान ही दोनों में अच्छी जान पहचान हो गई थी। इस मित्र के अनुसार इमानुएल माक्रों काफी अच्छी कविताएं लिखा करते थे जिस वजह से ब्रिजित उन पर विशेष ध्यान देने लगीं थी। वे माक्रों को कविता लिखने के लिए अपने घर बुलाती थीं। हाल ही में एक साक्षात्कार में ब्रिजित ने स्वीकार भी किया था कि वे 16 वर्षीय माक्रों के कविता लिखने की कला की कायल हो गई थीं और यही चीज उन्हें माक्रों के करीब ले आई थी।
करीब दो साल तक यही सिलसिला चलता रहा और फिर 17 साल की उम्र में माक्रों ने अपनी 42 वर्षीय शिक्षिका के सामने अचानक प्यार का इजहार करते हुए शादी का प्रस्ताव रख दिया। फ्रांस की वरिष्ठ पत्रकार ऐनी फुलदा अपनी किताब ‘इमानुएल माक्रों- ए परफेक्ट यंग मैन’ में लिखती हैं कि तीन बच्चों की मां ब्रिजित ने उस समय अपने बच्चों की वजह से शादी करने से इनकार कर दिया लेकिन, उन्होंने माक्रों के प्यार को स्वीकार कर लिया।
फुलदा लिखती हैं कि उस समय माक्रों के माता-पिता और उनके मित्र यह समझते थे कि माक्रों अपनी शिक्षिका ब्रिजित की बेटी लेरिंस से प्यार करते हैं जो उस समय उनकी सहपाठी थीं और इसीलिए वे ब्रिजित के घर जाने को इतने उतावले रहते हैं। लेकिन, जब माक्रों ने अपने घरवालों को ब्रिजित से प्यार करने के बारे में बताया तो वे काफी ज्यादा नाराज हो गए। लाख समझाने के बाद भी न समझने पर घरवालों ने इमानुएल माक्रों को एमिंस शहर से दूर पेरिस पढ़ाई के लिए भेज दिया। फुलदा के मुताबिक ऐसा करने से पहले माक्रों के पिता ने ब्रिजित से भी अपने बेटे से न मिलने को कहा लेकिन उन्होंने भी ऐसा कुछ भी करने से मना कर दिया था। माक्रों के पेरिस जाने के बाद इन दोनों की फोन पर लंबी-लंबी बातें हुआ करती थीं।
हालांकि, कई सालों तक अफेयर चलने के बाद भी इन दोनों ने तब तक शादी न करने का वादा किया था जब तक ब्रिजित के बच्चे और माक्रों खुद अपने पैरों पर खड़े न हो जाएं। 2004 में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करने के बाद इमानुएल माक्रों को फ्रांस के वित्त मंत्रालय में वित्त निरीक्षक की नौकरी मिली। इसके बाद 2006 में ब्रिजित ने अपने पहले पति को तलाक दिया और माक्रों से शादी कर ली।
ब्रिजित की सबसे छोटी बेटी और पेशे से वकील 33 वर्षीय टिफीन एक साक्षात्कार में माक्रों की तारीफ करते हुए बताती हैं कि उन्हें और उनके भाई-बहनों को शुरू से लगता था कि माक्रों उनकी मां से कभी शादी नहीं करेंगे। क्योंकि जब उन्होंने शादी का वादा किया था तो उनकी उम्र काफी कम केवल 18 साल थी। उन्हें लगता था कि माक्रों के मन में वही आकर्षण जो कम उम्र के लड़कों में होता है और वे वक्त के साथ चीजों को समझेंगे और उनकी मां को भूला देंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और माक्रों ने 10 साल बाद उनकी मां से आकर शादी की। वे कहती हैं कि उनकी मां के तलाक के बाद माक्रों के सामने शादी को लेकर कोई अड़चन नहीं थी लेकिन, फिर भी उन्होंने उनसे और उनके भाई-बहनों से इस बारे में खुलकर बात की और उनकी सहमति के बाद ही शादी की। टिफीन और उनके बड़े भाई जो माक्रों से भी दो साल बड़े हैं इस समय पूरे जोर-शोर से अपनी मां के साथ माक्रों के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
फ्रांस चुनाव में यह बड़ा मुद्दा क्यों नहीं?
यूरोप के कई पत्रकार कहते हैं कि अगर इस तरह का मामला किसी और देश में होता तो शायद यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा होता और विरोधी पार्टियां इसे जमकर भुनातीं। लेकिन, फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा बिलकुल नहीं है। ये लोग इसकी कई वजहें भी बताते हैं।
जर्मनी के एक प्रमुख ब्रॉडकास्टर डायचे वेले से जुड़े रहे एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति-पद के चुनावों में जनता अब तक या तो किसी रूढ़िवादी या फिर किसी समाजवादी नेता को चुनाती आई है। लेकिन, इस बार पहली बार जनता को राष्ट्रवाद और उदार साम्यवाद के बीच में से किसी एक को चुनना पड़ रहा है। उनके मुताबिक फ्रांस का समाज दुनिया के सबसे खुले समाजों में से एक माना जाता है, जो बदलावों को सबसे तेजी से स्वीकार करता है। वे बताते हैं कि युवा इमानुएल माक्रों ने फ्रांस की पुरानी विचारधारा वाली पार्टियों के बीच में खुद को सामाजिक मामलों में बेहद उदार नेता के रूप में पेश किया। जिसे वहां की जनता (अधिकांशता युवाओं) ने स्वीकार किया है। ऐसी स्थिति में अपने से 24 साल बड़ी महिला से शादी करने का मामला उनके लिए सामाजिक मुद्दों को लेकर उनकी उदारता के प्रतीक रूप में सामने आया है।
सीएनएन से जुड़े फ्रांस के पत्रकार जिम बिटरमन कहते हैं कि फ्रांस के चुनावों में यह कोई मुद्दा बन ही नहीं सकता क्योंकि यहां के लोगों ने इससे कहीं बड़ी और गलत चीजें होती देखी हैं। उनके अनुसार वर्तमान राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद राष्ट्रपति रहते हुए 41 वर्षीय अभिनेत्री जुली गाये के प्रेम में पड़ गए। वे इस प्रेम में इस कदर डूबे थे कि सबकुछ भूल कर रातों को स्कूटर पर इस अभिनेत्री के घर के चक्कर लगाते दिख जाते थे। इस प्रकरण के बाद ओलांद की पत्नी ने उन्हें छोड़ने का फैसला कर लिया था। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति जैक्स चिराक ने एक सभा को संबोधित करते हुए अपने प्रेम संबंधों का खुलासा खुद ही कर दिया था। एक अन्य पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा मित्तेरंद के प्रेम सम्बन्धों का किसी को पता नहीं था और एक दिन अचानक उनके अपनी प्रेमिका से हुए बच्चों का खुलासा हुआ था।
जानकारों के मुताबिक इन सभी घटनाओं के सामने इमानुएल माक्रों का मामला तो कुछ भी नहीं है। साथ ही जिस ईमानदारी के साथ माक्रों ने हमेशा इस रिश्ते को स्वीकार किया उसने जनता के बीच उनकी छवि को बेहतर बनाने में मदद ही की है।

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