अगर वांछित था बलिया जेल,फिर पुलिस ‘हाते’ मे खेल रही थी कौन सा खेल?

सीएम के गृह-जनपद सुलगने लगा है हाता पर हुई छापेमारी से।
सोनू पाठक तो बलिया जेल में बंद था, फिर किस शख्‍स को खोजने गयी थी पुलिस
एक जुट हो रहा ब्राम्हण समाज, कहा प्रतिष्ठा से खेलने का अंजाम बूरा होगा।
गोरखपुर -(प्रदीप चौधरी )
जहा वाराणसी मे करीब दस दिन पहले की एक प्रतिष्ठित सर्राफा के प्रतिष्‍ठान पर कई लुटेरों ने हमला किया और करीब दस करोड़ रूपयों की लूट की। बेहद शातिराना अंदाज में हुई इस वारदात के बाद लुटेरे ईत्‍मीनान से मौके से निकल गये। उसके बाद पुलिस ने कुछ दिनों तक तो खूब हाथ-पांव फेंके, लेकिन पुलिस को चकमा देकर दो मुख्य अभियुक्तों ने अदालत में सरेंडर कर दिया 

लेकिन वही बलिया में चार दिन पहले हुई एक छोटी सी लूट को पुलिस ने ऐसी हवा बांधी कि पूरे प्रदेश की राजनीति को गरम कर दिया। हालत यह है कि इस हादसे को लेकर मृत प्रयाय बसपा खुद के पांव जमाने व सर को बैकफुट पर लाने की कवायद इसी बहाने शुरू दिया है और  गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना शुरू हो  गया। सड़कों पर हजारों लोगों के हूजूम नारे लगा रहे है। आसपास का पूरा इलाका खचाखच भरा हुआ है। जमकर नारेबाजी चल रही है। पूरे शहर मे अफरा तफरी मची है।
हार कर प्रशासन ने दे ही डाली धरने की इजाजत
हालांकि जिला प्रशासन ने पहले तो इस धरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन बाद में जब यह खबर मिली कि यह धरना किसी भी कीमत पर होगा और उस का विरोध करने पर हंगामा खड़ा हो सकता है, तो प्रशासन के हाथपांव ठण्‍डे हो गये। हार कर प्रशासन ने यह धरना करने की इजाजत जारी कर दी।
राजनीति मे घूला जातिवाद का रंग-
आपको बता दें कि तीन दिन पहले गोरखपुर पुलिस ने भारी लाव-लश्‍कर के साथ गोरखपुर स्थित हाते पर छापा मारा था। यह हाता पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी का आवास है और पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे ब्राह्मण-समुदाय की प्रतिष्‍ठा का केंद्र माना जाता है। इतना ही नहीं, यह हाता राजनीतिक गतिविधियों का भी केंद्र है। सात बार विधायक रह चुके तिवारी जी के अलावा यूपी विधानपरिषद के पूर्व सभापति और उनके भांजे गणेशशंकर पाण्‍डेय, पूर्व सांसद और बड़े बेटे कुशल शंकर तिवारी और बसपा के वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी का पूरा विशालकाय कुनबा इसी हाते में रहता है। पुलिस की कहानी के अनुसार वह डकैती के आरोपी सोनू की तलाश में गई थी. इसी बीच खबर सूत्रों एवं सोनू के परिजनों के हवाले से आई है कि पुलिस ने जिस सोनू पाठक नामक व्‍यक्ति को दबोचने के लिए हाता में यह छापेमारी की थी, वह सोनू पहले से ही बलिया जेल में बंद था।  फिर सवाल यह है कि आखिर पुलिस किस आधार पर हाते पर छापा मारने गयी थी। वह भी तब, जबकि इस छापे के लिए पुलिस के पास कोई वारंट तक नहीं  था। हैरत की बात है कि पुलिस ने किसी युद्ध की शैली में भारी-भरकम पुलिस-बल के साथ हाते पर छापा किया, लेकिन इसके फौरन बाद ही इस छापे से पहले तो इनकार कर दिया, फिर यह कुबूल तो किया कि छापा पड़ा था, लेकिन यह छापा हाते पर नहीं, बल्कि हाते के बाहर पड़ा था।
दगे हुए कारतूसों के खोखों पर बना पुलिस का मजाक-
यह भी आश्‍चर्यजनक ही कहा जाएगा कि पुलिस ने अपनी इस छापामारी के बाद पांच लोगों को पकड़ने का दावा किया, लेकिन उस में से चार लोगों को बरी कर थाने से ही छोड दिया। और जिस पांचवें शख्‍स को जेल भेजा, उसके पास केवल चार कारतूस और कई खोखे बरामद करने के दावे किये गये। 
यह मजाक कैसे हुआ, इसका अंदाजा आप छापामारी करने वाले एसपी सिटी हेमराज मीणा के बयानों से समझ सकते हैं। मीणा और उनके साथ पहुंची पुलिस ने तिवारी हाता के सामने स्थित मकान से कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के औराही गांव निवासी अशोक सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से 315 बोर के 15 खोखा और 12 बोर के 4 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। ऐसी हालत में सवाल तो यह है कि कोई भी शख्‍स दगे हुए कारतूस के खोखे क्‍यों रखेगा। यह भी सवाल अक्षुण्‍ण है कि जब उस शख्‍स के पास कारतूस तो मिल गये, लेकिन बिना किसी असलहे के वह किस आधार पर कारतूस लिये घूम रहा था। उसका मकसद क्‍या था।
पूर्व मंत्री पं. हरिशंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय तथा बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के आवासीय परिसर में पुलिस की छापेमारी के खिलाफ बसपा ने भी मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठने जा रहे चिल्लूपार बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के साथ बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, विधायक दल के नेता लालजी वर्मा भी मौजूद रहेंगे। रविवार को तिवारी के समर्थकों एवं बसपा कार्यकर्ताओं ने बैठकें कर इस विरोध प्रदर्शन की तैयारी की। 
सरकार के बिरूद्ध कई राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठनों ने भी धरने को समर्थन दिया है। जटाशंकर तिराहा स्थित बसपा विधायक के आवास हाता पर रविवार सुबह से ही समर्थकों का जमावड़ा लगना शुरू है। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय व पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी के साथ बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद है और लगातार पहुँच रहे है।
सरकार के रिमोट से चल रही पुलिस:- विनय
विधायक विनय शंकर तिवारी ने अपने आवासीय परिसर में जुटे समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले की पुलिस सरकार के रिमोट पर काम कर रही है। ऊपर से जो आदेश मिल रहा है उस हिसाब से पुलिस अपना बयान बदल रही है। एसपी सिटी पहले कहते हैं बदमाश की तलाश में छापेमारी हुई, फिर कहते हैं घर में छापा मारा ही नहीं गया।
इन सब घटनाक्रमो को देखे तो सवाल उठता है कि कि-
यह जंग है किस चीज की?
सियासत की।
सम्मान की। या जातिवाद की
पूरे मामले मे सोशल मीडिया व समाज  को देखे तो साफ दिखता है कि यह लड़ाई अब जातिवाद के रंग मे रगती दिख रही है। ब्राह्मणऔर क्षत्रिय दोनों गुटों मे लामबंद होता दिख रहा है। परशुरामव क्षत्रिय समुदाय की कहानियाँ व उदाहरण सोशल मीडिया मे फैला कर इस आग को और उग्र किया जा रहा है। जिसकी तपिस छोटे चौराहों से लेकर गांव की गलियों तक दिख रहा है। और इतिहास गवाह है कि जब जब यैसा सामाजिक असन्तुलन पैदा हुवा या किया गया है तो परिणाम बेहद भयानक ही रहा है। इस आग मे राजनीतिक पार्टियाँ तो अपनी रोटिया सेक लेगी पर जलेगी तो आम जनता ही।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *