सादगी से जीवन बिताने वाले पार्षद हाजी गुलाम नबी साहब नहीं रहे।जनाज़े में राजनितिक दल हुआ शामिल

अब्दुल रज्जाक 
जयपुर – नगर निगम जयपुर की अनमोल धरोहर ,कभी भी हार का मुँह नहीं देखने वाले ,वरिष्ठ कांग्रेस नेता ,जयपुर नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल के प्रतिपक्ष नेता ,सहनशील ,स्वभाव के धनी  वार्ड पार्षद  हाजी गुलाम नबी ने 23 अप्रैल रविवार को सवाई मानसिंह अस्पताल में अपने जीवन की आखरी साँस ली ।कांग्रेस पार्टी ने एक मजबूत स्तम्भ खो दिया ।और इनके निधन की खबर से पुरे जयपुर शहर को क्षति पहुचीं है ।
जनाज़े की नमाज रात 10 :30  बजे निदड़ राव का रस्ता स्थित मस्जिदे जाली वाली में  इमाम मौलाना युसूफ साहब ने अदा करवाई। जनाज़े में कई जानी मानी राजनेतिक हस्तियों ने भी शिरकत की ।उनका जन्म 02 जनवरी 1940 में हुआ। 1970 में राजनेतिक सफ़र में कदम रखा । लगातार 7 बार आप विजय रहे। जनाज़े में  पूर्व नगर निगम मेयर कांग्रेस ज्योति खण्डेलवाल ,हाजी आमीन कागजी ,पूर्व सांसद डॉ.महेश जोशी ,बृजकिशोर शर्मा ,उप प्रतिपक्ष नेता धर्मसिंह सिंधानिया,पार्षद रमेश बैरवा ,मोहम्मद शफीक कुरैशी ,पार्षद मनोज मीणा  महासचिव संजय मामा,पार्षद उम्रदराज,निजाम कुरैशी ,अय्यूब खान ,शकील खान ,फारुख समोदिया ,अफजल एडवोकेट आदि मोजूद रहे ।
 जानिए पार्षद हाजी गुलाम नबी साहब की राजनीती की कहानी उनकी जुबानी
-जयपुर -पिछले कुछ महीने पहले वार्ड 76 की समस्याओं से रूबरू होने हम वार्ड 76 जालुपुरा का दौरा किया ।दौरा करने के बाद वार्ड पार्षद हाजी गुलाम नबी से मिलने का विचार किया ।लोगो से पार्षद का घर पता कर उनके निवास स्थान पहुँचे ।उनके बेटे से शहजाद से मुलाकात  हुई ।और हमें हाजी गुलाम नबी साहब ने ऊपर बुलाया ।उनसे हम पहली बार मिले थे । उनको जिस सादगी में देखा। वो एक काबिले मिशाल थी ।उन का पहनावा,बातचीत का तरीका एक आम आदमी जैसा था। उन को देख कर मेरे मन में एक विचार  बार बार आ रहा था। की आजकल के पार्षद व् हाजी साहब में काफी रात दिन का अंतर है।
आज के पार्षद के मकान इतने आलीशान है, और हाजी साहब का मकान बिलकुल आम लोगो की तरह।आजकल के पार्षद एक ही जीत में फोर व्हीलर ,व आलीशान कोठी हर जरूरत का साधन उपलब्ध है। जब की पार्षद हाजी गुलाब नबी साहब 7 बार चुनाव जीते है। और फिर एक आम आदमी की तरह अपनी जिंदगी गुजारी।
फिर इतना अंतर क्यू 
आइये जानिए पार्षद हाजी गुलाम नबी साहब की राजनीती की कहानी उनकी जुबानी।  46 सालो से निस्वार्थ आम जनता के लिए कार्य करने वाले कांग्रेस नेता जनाब गुलाम नबी आजाद साहब से  उनसे जब रूबरू हुए तो ऐसा लगा किसी आम नागरिक से रूबरू हो रहे हे. में ऐसा इसलिए भी बोल रहा हु | क्यूंकि में कई नेता लोगो से मिला हु | लेकिन मुझे इनकी शख्सियत और सादगी उन सबसे बिलकुल अलग लगी| जो लगातार 7 बार पार्षद का चुनाव जीता हुआ हो उसकी इतनी सादगी| यहाँ तो लोग एक बार चुनाव जीतने पर ही अमीर हो जाते हे | और बड़ी बड़ी बिल्डिंगे बना लेते हे. जब उनसे पूछा गया की आपने राजनीती में का विचार क्यू किया 
oहाजी साहब – मेरे बड़े भाई जो किसी ज़माने में पार्षद हुआ करते थे। उनका सारा काम में खुद ही देखा करता था। मेरे बड़े भाई  की सरपरस्ती में मेने राजीनीति में कदम रखा | 70 के दशक में कॉलेज छोड़ने के बाद मेने जनता के लिए खुद काम करने का मन किया । और पार्षद के चुनाव लड़ने का मन बनाया ।लेकिन उस वक़्त हर तरफ राज माता का जोर था | इसलिए मुझे  पार्टी का टिकट नहीं मिल सका | फिर उसके बाद मेने यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ा | उसके बाद लगातार 46 सालो से जनता के लिए कार्य किया 
oपहला पार्षद का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी से लड़ कर जीता | 
oउन्होंने बताया की मेने कभी भी अपने बड़े नेता से जी हुजूरी नहीं की | में उस समय को अपने वार्ड और आम जनता को देता था| इसी कारणवश मेरी बड़े नेताओ से कभी नहीं बनी|
oजनाब गुलाम नबी साहब ने बताया की उन्होंने अपना जीवन मानवता को समर्पित किया हे | सन 1982 से वह लगातार हर मंगलवार को  एस एम् एस (SMS HOSPITAL) अस्पातल जाते हैं  | और जो विधवा  और दिव्यांग की पेंशन काम कर रहे है | इस काम के लिए कई बार सम्मान भी मिला हे | इसी कार्य को देखते हुए गुलाम नबी साहब को कलेक्टर की तरफ से कलेक्टरी बैठने की अनुमति प्रधान की गयी |
oजब पार्षद हाजी गुलाम नबी साहब से पूछा गया की । आप की उम्र  होती जा रही हैं, तो हम चाहते हे की आप अपने पुत्र को राजनीती के सफर में आगे लाये। जो आगे  आपका काम काज संभाल सके । इस पर पार्षद हाजी साहब ने  साफ़ इनकार करते हुए कहा, “ यह बहुत गजब का काम हे | इसमें अपने ही लोग चुनाव में  आपके सामने खड़े होते हे | और जो काम करना चाह्ता हे उसे भी काम नहीं करने देते |  गुलाम नबी प्रदेश कांग्रेस के सदस्य, जुडो कराटे राजस्थान ( ओलोम्पीक) के अध्यक्ष, राजस्थान हज कमेठी के सदस्य थे | 50 सालो से नागरिक कलब चलाते थे| ऐसी शक्शियत बहुत ही कम देखने को मिलती है

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