रेलवे के कर्मचारी कर रहे है मनमानी यात्री बूँद बूँद पानी को तरस रहे है।पर रेल अधिकारी नही ले रहे सुध*

भीषण गर्मी आ चुकी है।लोग पल पल में पानी की ओर निहारते है।पानी न मिले तो गला इस तरह सूखता है मानो सालो का सूखा झेल रहे हो।ऐसे में रेल प्रशासन भी कोताही बरतने में पीछे नही है तभी तो हिंदुस्तान के कुछ चुनिंदा सेंट्रल स्टेशनो में एक कानपुर स्टेशन जहां से रोजाना लाखो यात्री सफर करते है।कुछ यात्रियों के साथ मरीज होते है कुछ के साथ बच्चे होते है कोई बुजुर्ग होता है।तो कोई दिब्यांग भी होता है।ऐसे में रेल परिसर में लगे सैकड़ो नल केवल ये दर्शाते है।के कानपुर रेल प्रशासन यात्रियों का कितना ख़याल रखते है।नल तो है पर उसमे पानी कितना आता है।ये तस्वीरें बयान कर रही है।ऐसा लगता है मानो गंगा किनारे बसे कानपुर में पानी की कोई कमी नही।


ये तो वही बात हो गयी चराग तले अँधेरा
सच तो ये है के कुछ रेल कर्मचारी चंद पैसों के लिये हजारो लोगो की प्यास का कारण बने हुए है।अवैध पानी बेचने वाले मनमाने तरीके से पानी बेचने के लिये ऐसा करवाते है।
कभी कभी यात्री अपनी जान पर खेल कर पानी की व्यवस्था करते है
जैसा की आपने देखा होगा के जिस प्लेट फॉर्म में कोई लम्बी दूरी से गाड़ी आने वाली होती है।उसी समय उस प्लेट फॉर्म का पानी बंद कर दिया जाता है ऐसे में आयी हुई गाड़ी का समय भी निर्धारित होता है।की गाड़ी प्लेट फॉर्म में ज्यादा से ज्यादा 5या 10मिनट ही खड़ी होती है।ऐसे में जो जहां होता है उसे जल्द से जल्द पानी की आवश्यकता होती है।यात्री के सामने दो ही रास्ते होते है या तो वह 20रुपए की बोतल खरीदे या फिर पटरी फांद कर पानी लाये।
सुझाव :-क्यों न गर्मियों में कोई ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था हो जाये की यात्री को कम कीमत में सफर के दौरान ही पानी की व्यवस्था कराई जाये
आज कई प्राइवेट कम्पनियाँ इस क्षेत्र में काम कर रही है।अब बाज़ारों में कई निजी कम्पनी पानी के वाटर कूलर कम कीमत में रोजाना हर दुकान में लगाते है।ऐसे में लाखो  बेरोजगारों को काम भी मिल जायगा और यत्रीयों का भी काफी भला हो जायेगा।अगर ऐसी व्यवस्था हर ट्रेन में कर दी जाये।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *