निजी स्कूलों द्वारा ‘शोषण’ और ‘निरंकुशता’ पर लग सकती है रोक
करिश्मा अग्रवाल (विशेष संवाददाता)
प्राइवेट संस्थानों की मनमानियां जिससे आज लगभग हर परिवार परेशान है उस पर लगाम कसने की अब योगी सरकार ने तैयारी कर ली है। जी हां । प्राइवेट स्कूलों द्वारा अब फीस या दूसरे माध्यमों के नाम से वसूली जाने वाली पर मनमानी धनराशि पर अब रोक लगेगी।
अंधाधुंध फीस वसूली पर लगेगी लगाम:
अंधाधुंध फीस बढ़ाकर उसे ‘वैध’ करार दे ‘अवैध’ वसूली करने वाले निजी स्कूलों की सूची योगी सरकार ने तैयार करनी शुरू कर दी है।मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने निजी स्कूलों की फीस की निगरानी के लिए पूर्व न्यायाधीशों की टीम गठित करने की घोषणा की है।
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने दिलाया भरोसा:
य़ूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी कहा है कि, निजी स्कूलों पर निगरानी के लिए कानून बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है और यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने फीस की सीमा तय करने वाले अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया है।
क्या होगा नए कानून में :
उत्तर प्रदेश सरकार नवीन कानून के अंतर्गत ऐसे नियम बना रही है,जिसमें माना जा रहा है कि प्राइमरी स्कूल 15 हजार रुपये, सेकेंडरी स्कूल 25 हजार और हायर सेकेंड्री स्कूल 27 हजार रुपए से ज्यादा सालाना फीस नहीं वसूल पाएंगे । और अगर स्कूलों को फीस बढ़ानी है तो उन्हें पहले सरकार से इसकी स्वीकृति लेनी होगी।
यदि किया नियमों का उल्लंघन तो भुगतेंगे सजा:
गुजरात में ऐसा नियम बना भी है जब फीस के मुद्दे पर कानून तोड़ने वाले स्कूल को पहली बार पांच लाख रुपए जुर्माना, दूसरी बार दस लाख रुपये जुर्माना देना होगा और अगर तब भी नहीं माने तो तीसरी बार में स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
यह राज्य हैं उदाहरण:
यूपी में कानून आने में अभी कुछ दिन का वक्त लगे लेकिन वर्तमान में भारत के 5 राज्यों में पहले से ही अभिभावकों के हित में कानून लागू है। देश में दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में स्कूल फीस तय करने का नियम पहले से ही है. गुजरात में तो हाल ही में सरकार ने नया कानून बनाया है।