बीफ बैन का समर्थन करने वाले अजमेर दरगाह प्रमुख के भाई ने ही किया ‘तख्तापलट
(जावेद अंसारी)
अजमेर सूफी दरगाह के दीवान सैयद जैनुल अबेदीन को गोमांस पर प्रतिबंध का समर्थन करने पर उनके भाई ने उन्हें बुधवार को दीवान के पद से बर्खास्त कर दिया। अबेदीन के भाई सैयद अलाउदीन अलीमी ने कहा कि उन्हें अबेदीन को बर्खास्त करने और अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के प्रमुख के तौर पर खुद के नए ‘दीवान’ के तौर पर घोषित करने के लिए परिवार का समर्थन है। अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हर साल उपमहाद्वीप के लाखो श्रद्धालु आते हैं।
अजमेर दरगाह के दीवान का पद वंशानुगत है और 12वीं-13वीं शताब्दी के सूफी संत के उत्तराधिकारियों को मिलता है। दीवान का दरगाह पर कोई नियंत्रण नहीं होता है, लेकिन प्रबंधन समिति की तरफ से उन्हें मासिक पारिश्रमिक दिया जाता है। दरगाह की प्रबंधन समिति को सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। अलीमी ने आईएएनएस से कहा, “मैं नया दीवान हूं। मेरे पास पूरे चिश्ती घराने का समर्थन है। अलीमी ने आरोप लगाया कि अबेदीन ने इस्लामी कानून का उल्लंघन किया है।
अलीमी ने कहा, “मेरी वेतन में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह (अबेदीन) पैसा रख सकते हैं। लेकिन अब मैं उन्हें दरगाह में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दूंगा। उन्होंने जो कुछ कहा है वह ‘निंदात्मक’ है। मैंने मुफ्तियों से बातचीत की है और हम उनके खिलाफ फतवा जारी करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के 1987 के आदेश के बाद से अबेदीन दरगाह के दीवान हैं