अम्बेडकरनगर – देखे स्ट्रिंग कैसे जारी है विकास के नाम पर लूट खसोट, जेई का कबूलनामा.

न खाता न बही जो हाजी इफ़्तेख़ार अंसारी कहे वही सही
लम्बी लूट खसोट का देखे असली सच 
अम्बेडकरनगर जिले की ए क्लास नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें किस कदर मजबूत हैं | किस तरह कानून को ठेंगा दिखा कर मानको को ताक पर रख कर किस तरह जनता के पैसे की लूट मची है …हम आप को दिखाते है । कैसा सरकारी  बाइलाज , कैसा नियम और कैसा मानक…. इस नगर पालिका के अध्यक्ष और अधिकारीयों को न तो किसी कानून का भय है और न ही किसी की कोई परवाह नहीं | परवाह है तो सिर्फ इतनी की कमीशन कैसे मिले । सरकारी नियमो की अनदेखी कर नगर पालिका के पूरे पांच साल के कार्यकाल में कैसे भ्रष्टाचार यहाँ फैला है कैमरे में कैद इस नगर पालिका के एक जिम्मेदार अधिकारी की पोल खोलने वाली बातें आप भी सुनिए…निश्चित आप इसे सुनकर हैरान हो जायेंगे । सरकारी पैसे का इस कदर लूट मची हुई है….. जैसे खुद का पैसा हो और खुद ही अपना कानून और अपने नियमो के तहत करवाते है काम । हैरान मत होइये आप खुद ही सुन और देख लीजिये…..
समाचार के साथ हम अपने प्रतिनिधि की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुवे उसका नाम नहीं दे रहे है.

मामला अम्बेडकरनगर जिले के ए क्लास की टांडा नगर पालिका का है । जहां सरकार का कोई कानून और न ही कोई नियम काम नहीं करता । बल्कि यहाँ काम चलता है तो सिर्फ समाजवादी पार्टी के इस नेता और नगर पालिका के अध्यक्ष हाजी इफ़्तेख़ार अंसारी का | यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस नगर पालिका में तैनात यहाँ के अवर अभियंता आर सी गुप्ता खुद ही बता रहे हैं । इस नगर पालिका में लाखों रुपये के निर्माण के भी काम नियम ,  कानून से नहीं बल्कि , जुबानी और ( दफा सरपट ) हवा हवाई तरीके से होता है मामला यहां के बूचड़ खाने का जीर्णोउद्धार करने का है । सरकार बदलने के बाद इस बूचड़ खाने को अवैध घोषित कर दिया गया है । जिस के लिए नगर पालिका प्रशासन ने  15 से 20 लाख  रूपये का बजट रखा गया , लेकिन  किसी लिखा पढ़ी में नहीं सिर्फ जुबानी । जी हां नगर पालिका में किसी निर्माण के लिए पहले टेंडर भरा जाता है और फिर मानक तय किये जाने के बाद ठेकेदार को काम करवाने का वर्क आर्डर दिए जाते है । पर यहां तो अधिकारियों और चेयर मैन का अलग ही कानून है । इस लाखों के काम करवाने के लिए अपने चहेते ठेकेदार को बिना किसी टेंडर और बिना किसी वर्क ऑर्डर और बिना किसी मानक के काम करने के लिए कहा जाता है । सबसे बड़ी बात तो ये है की काम होने के बाद बिना काम की गुड्बत्ता देखे बाद ,  काम पूरा होने के बाद में कागजी खाना पूरी करके पेमेंट किया जायेगा ।  जे ई  साहब ने पूछने पर बताया की बताया की चेयर मैन साहब अपने में खुद कानून है , खुद सामर्थ है । हम तो उनके एक मुंसी की तरह है । अब ये बात ओ अधिकारी कह रहा है जो निर्माण का सबसे बड़ा अधिकारी है और बिना उसके लिखे कोई भी पेमेंट नहीं हो सकता । आप खुद ही सुन लीजिये ।
अब आप सुनिए इस नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी आर डी बाजपेई की बातों को इनसे जब सवाल पूंछा गया कि स्लाटर हाउस में जो निर्माण हो रहा है…. वह किस आध्रार पर हो रहा है तो उन्होंने पहले तो बड़ी जोर से कहाकि नगर पालिका के आदेश पर हो रहा है, लेकिन जब उनसे उसके बारे में पूछा गया कि इसका ठेका हुआ है या वर्क आर्डर के आधार पर हो रहा है….इस बात पर तो अधिशाषी अधिकारी को तो जैसे सांप सूंघ गया और गले से आवाज ही निकलना बंद हो गया | जब उनसे कहा गया कि किसी भी निर्माण की पत्रावली तो सबसे पहले उनके पास ही आएगी उसके बाद ही कोई कार्य हो सकता है | तो इस पर उनका कहना था कि जे ई और अध्यक्ष द्वारा यह कार्य करवाया जा रहा है और काम पूरा होने के बाद इस्टीमेट बनाकर उनके पास भेजेंगे | लाखों रूपये के इस निर्माण की कोई पत्रावली अधिशाषी अधिकारी तक आई या नहीं इस सवाल परइनका तो मुंह ही नहीं खुला सिर्फ इशारों में ही बता दिया कि उनके पास कोई पत्रावली नहीं आई है….. 
आर डी बाजपेयी ईओ नगर पालिका टाण्डा 
वही जब इस मामले में बीजेपी सांसद  को जानकारी हुयी तो अधिकारियो को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया और अब जिला अधिकारी न्र मजिस्ट्रेट जाँच करने की बात कही……लेकिन अधिकारी  अभी भी सपा की  मानसिकता को भूल नही पा रहे है और उनकी चाटुकारिता करने से बाज नही आ रहे है अभी भी उनके गलत कार्यो में बराबर के हिस्सेदार बन रहे है…. 
अब आपको हम बताते हैं कि इस नगर पालिका के अध्यक्ष हाजी इफ़्तेख़ार अंसारी समाजवादी के नेता होने और ऊँची पहुँच के कारण सारे कानूनों को ताख पर रख कर काम करवाये है और जनता के पैसे की जमकर लूट और बन्दर बाँट पूरे पांच साल तक किया है । पिछली सरकार में डी एम से लेकर शासन तक दर्जनों शिकायते इस अध्यक्ष और नगर पालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ होती रही है, लेकिन मजाल क्या है कि किसी अधिकारी ने कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटाई हो | भ्रष्टाचार का आलम तो यहाँ इस कदर है कि मिलीभगत करके यहाँ के अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में बनी बनायीं सड़कों और रास्तो को साल भर  दो दो बार बनवाया है । जहाँ सड़के सही सलामत थी उस पर इंटरलाकिंग करवाया गया । लोगो ने बताया की नगर पालिका ने जो करवाया है और जो करावा रही है ओ ठेकेदारो से मिलकर मानको को ताक पर  रख कर करवाया जा रहा है | अब देखना दिलचस्प होगा कि इस नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार पर योगी राज में कोई कार्यवाही होगी या फिर यूँ ही सब कुछ चलता रहेगा…​

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