स्वच्छता अभियान की ब्रांड अम्बेसडर डॉ ऋतू गर्ग के खिलाफ न्याय पाने सैकड़ो छात्राए पहुची सीएम के दरबार
(निलोफर बानो)
वाराणसी सुन्दरपुर स्थित संतुष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज में शिक्षा के नाम पर लाखो रूपये लुटाने के आरोपों के बाद अब छात्राए भी आर – पार की लड़ाई का मन बना चुकी है। जहाँ एक ओर स्थानीय प्रशासन और डॉ. रितु गर्ग यह कत्तई मानने को तैयार नहीं हैैं कि छात्राओं के साथ कोई धोखा और फरेब हुआ है, वही छात्राओं का कहना है कि लाखो रूपये फीस के नाम पर चुकाने के बाद आखिर उनका भविष्य अन्धकार मय होने वाला ही है।
तो फिर लड़ाई आर पार की क्यों न हो जाय. इसी धोखाधड़ी की शिकार होने का दावा करने वाली सैकड़ों छात्राओं ने रविवार सुबह सीधे सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री आवास के बाहर जा पहुंची। कालेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते सैकड़ों की संख्या में पहुंचीं छात्राओं ने डॉ. रितु गर्ग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सीएम योगी के लखनऊ से बाहर होने के कारण छात्राओं की मुलाकात नहीं हो सकी।
छात्राओं ने डॉ. रितु गर्ग पर सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन के दौरान फिर वही आरोप लगाया कि नर्सिंग, जीएनएम, एएनएम, बीएससी नर्सिंग, बी-फार्मा में एडमिशन के दौरान डॉ. रितु गर्ग ने यह दावा किया था कि उन्हें उत्तर प्रदेश में ही नौकरी मिलेगी। इस दौरान डॉयरेक्टर ने कई तथ्य छिपा लिए और करीब 300 छात्रों से 2-2 लाख रुपये जमा करा लिए। लेकिन पाठ्यक्रम की जिस कॉलेज से मान्यता की बात कही जा रही है, वह सिंहानियाँ, राजस्थान का है। जिसे यूपी नर्सिंग कौंसिल मान्यता नहीं देता। ऐसे में वहाँ की डिग्री का कोई महत्व नहीं है। इस डिग्री से यूपी में सरकारी नौकरी मिलना मुमकिन नहीं है। जिस प्रकार संतुष्टी की छात्राओं में डॉ. रितु गर्ग के खिलाफ मोर्चा खोला है, इसे देखकर फिलहाल मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। वहीं दूसरी ओर डॉ. रितु गर्ग और उनके पति डॉ. संजय गर्ग का दावा है कि उन लोगों ने छात्राओं के साथ कोई फरेब और धोखा नहीं किया है। उनके खिलाफ विरोध – प्रदर्शन के पीछे कुछ लोगों की सोची समझी साजिश है पर वे लोग फिलहाल कुछ भी खुलकर बोलने से बचते नजर आ रहा है। इतना बवाल होने के बाद भी डॉक्टर दम्पति के विरूद्ध अब तक कोई कार्यवाही का न होना इस बात की गवाही है कि प्रशासन की नजर में कानूनी रूप से कालेज प्रशासन ने फिलहाल छात्राओं के साथ कोई धोखा नहीं किया है। अब तो मामला सीधे योगी दरबार तक पहुच चुका है, ये बात अलग है कि छात्राओं से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। अब देखना है कि सच और झूठ के इस मामले में क्या फैसला होता है।