गोवा की राज्यपाल को उनकी इच्छा के विपरीत फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया – गिरीश चोडंकर

करिश्मा अग्रवाल (विशेष संवाददाता)

पणजी:- कांग्रेस पार्टी के सचिव गिरीश चोडंकर ने कहा है कि उन्हें ऐसा लगता है कि गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को उनकी इच्छा के विपरीत फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया. चोडंकर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “वह (मृदुला) साहित्यकार हैं और सीधी-सादी महिला लगती हैं… उन्होंने कई रचनाएं लिखी हैं… वह आदर्श व्यक्तित्व की महिला हैं… मेरे दिल में उनके प्रति पूरा सम्मान है… मुझे ऐसा लगता है कि उन्हें उनकी इच्छा के विपरीत काम करने के लिए मजबूर किया गया…” 

चोडंकर ने कहा, “वह अपनी मर्जी से इस्तीफा दे देंगी, क्योंकि वह 12 मार्च को गोवा में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आमंत्रित किए जाने के इच्छा के विपरीत लिए गए अपने फैसले को लेकर खुद ही अपनी अंतरात्मा से जूझ रही हैं…” 
उन्होंने कहा, “जब हमारी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल इसी सप्ताह उनसे मिला, तो हमने उनके हाव-भाव पर गौर किया… वह हमारे किसी नेता से आंख नहीं मिला पा रही थीं… मुझे महसूस हुआ कि वह अपनी अंतरात्मा से बातें कर रही हैं… मुझे उनके लिए दुख है…” 
चोडंकर ने अपने खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने को लेकर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व का मजाक उड़ाया. चोडंकर के उस बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया गया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर गैर-कांग्रेसी विधायकों को रिझाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था.  चोडंकर ने कहा, “4 फरवरी को हुए राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई… यह दिखाता है कि गोवा में अब उनकी लोकप्रियता खत्म हो चुकी है… जब उनकी कोई ख्याति ही नहीं है, तो उनकी मानहानि कैसे हुई…”

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