लखनऊ के मशहूर टुंडे कबाबी का शटर गिरा
निलोफर बानो.
उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री के आदेश के अनुपालन में प्रदेश में स्लेटर हाउस की तालाबंदी होना शुरू हो गया है. इस एक्शन का रीएक्शन भी अब सामने आने लगा है. प्रदेश में अधिकतर शहरों में बड़े के मांस के होटल बंद होना शुरू हो गए है. इस दौरान करोडो का रोज़ का कारोबार बंद हो गया है. इस दौरान केवल बकरे के मांस का खाने का होटल ही खुला हुआ था, इसके असर के कारण आज लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध टुंडे कबाबी के दूकान का शटर भी गिर गया. ज्ञातव्य हो कि सीएम आदित्यनाथ के अवैध स्लॉटर हाउस बंद करने के फरमान के बाद शहर में मीट की सप्लाई बुधवार को पूरी तरह से ठप रही।
कमेला (पशुओं की कटाई) पर रोक के बाद बड़े पशुओं के मीट की 200 से 250 दुकानों पर ताले पड़ गए जिसका असर लखनऊ की पहचानों में से एक टुंडे कबाबी की दुकान पर भी दिखा। कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महामंत्री मो. शहाबुद्दीन कुरैशी बताते हैं कि राजधानी में बड़े पशुओं के मीट की खपत रोजाना 20 टन से ज्यादा की है एक दिन में मीट का कारोबार करीब 50 लाख रूपये का है। उनका कहना है कि स्लॉटर हाउस सील होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। मीट की सप्लाई बंद होने का असर नॉनवेज होटलों पर भी पड़ा है दुनिया भर में मशहूर टुंडे कवाब की चौक की दुकान बुधवार को बंद रही। संचालक अबू बक्र ने बताया कि टुंडे कवाब का स्वाद लेने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। आखिर सरकार पर्यटकों को क्या संदेश देना चाहती है
20 टन से ज्यादा है राजधानी में खपत
कुलचे व नहारी के लिए मशहूर चौक के रहीम होटल के मालिक बिलाल अहमद का कहना कि भाजपा सरकार मंशा साफ करे कि उसे अवैध स्लॉटर हाउस बंद करना है या फिर बड़े पशुओं के मीट की बिक्री मजबूरी में सिर्फ मटन की नहारी बेच रहे हैं। बड़े का मीट सस्ते व अच्छे खाने के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। ऐसी रोक लगाने से पहले सरकार को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि लोग परेशान न हों कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महामंत्री मो. शहाबुद्दीन कुरैशी बताते हैं कि राजधानी में बड़े पशुओं के मीट की खपत रोजाना 20 टन से ज्यादा की है। एक दिन में मीट का कारोबार करीब 50 लाख रूपये का है। उनका कहना है कि स्लॉटर हाउस सील होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं