वाराणसी – साहेब 50 दिनों से इंसाफ के लिये दौड़ रहा है ये घायल
निलोफर बानो की रिपोर्ट
वाराणसी. शहर के घनी आबादी वाले आदमपुर थाना क्षेत्र के सलीमपुरा में युवक बदरेआलम अंसारी पर हुवे प्राण घातक हमले के पचास दिन गुज़र जाने के बाद भी आदमपुर पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. पीड़ित हमसे बात करते हुवे बताया कि घटना के सम्बन्ध में कार्यवाही की जब भी विवेचक से बात किया गया तो उन्होंने एक दो दिन में गिरफ़्तारी का आश्वासन पीड़ित को दिया है. वही दूसरी तरफ हमलावर खुले आम घूम रहे है और पीड़ित के बच्चे दहशत के कारण स्कूल तक जाना बंद कर पढाई छोड़ने का मन बना चुके है. गुज़रे 17 सितम्बर को पीड़ित का 15 वर्षीय पुत्र हिम्मत करके मोहल्ले के बाहर किसी कार्य से गया था रास्ते में हमलावरों ने उसको दौड़ा लिया था. पीड़ित ने हमको बताया कि हमने इस सम्बन्ध में जब विवेचक को घटना की सुचना दिया तो उनके द्वारा कार्यवाही के नाम पर शिकायती पत्र लेकर रख लिया गया.
घटना के सम्बन्ध में पीड़ित युवक बदरे आलम अंसारी ने बताया कि दिनाक 1 अगस्त 2017 की रात लगभग दस बजे जब घर से कुछ ज़रूरी कार्य हेतु वह निकल कर गया था उसी समय पहले से घात लगा कर बैठे हमलावरों ने उसके ऊपर ईंट पत्थरो से हमला कर दिया. दौरान हमला पीड़ित के गले की एक चाँदी की चेन और उसके जेब का पांच हज़ार रुपया भी हमलावरों ने छीन लिया. हमलावर पीड़ित को मरा समझ कर छोड़ कर चले गए. घटना से क्षेत्र में दहशत का माहोल बन गया और परिजनों ने मरणासन्न पड़े युवक को आनन् फानन में मंडलीय चिकित्सालय भर्ती करवाया जहा लगभग दस दिनों के इलाज के बाद युवक को छुट्टी मिली और चिकित्सको ने उसको किसी न्यूरो सर्जन को दिखाने की सलाह दिया. घटना की जघन्यता इसी से समझी जा सकती है कि गली में जिन पत्थरो से पीड़ित पर हमला हुआ वह पत्थर टूट गया. क्षेत्रीय नागरिको ने इस घटना के विरोध में पुलिस चौकी का घेराव कर लिया. जनता के दबाव पर लिखित तहरीर लेकर एक नामज़द और 10-12 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने अपराध संख्या 161/17 दर्ज कर लिया और विवेचना क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज को मिली. उस दिन से आज पुरे पचास दिन गुजरने के बाद भी विवेचक के हाथ खाली है जबकि पीड़ित के कथानानुसार उसने होश में आने के बाद हमलावरों में 5 और युवको की शिनाख्त बताया और उनका नाम पता भी बताया. चर्चाओ को आधार माने तो विवेचक के दौरान मौका मुआयना एक किशोर ने यह भी बताया कि मुख्य अभियुक्त के द्वारा उन किशोरों से घरो में चोरिया करके पैसे मंगवाये जाते थे. अभियुक्तों के दबंगई से डर कर किशोर उसको पैसे देते रहे. यह बात उस किशोर ने विवेचक को आम जनता के बीच बताया था. विवेचक महोदय ने तत्काल तो फुर्ती दिखाया और मुख्य आरोपी के घर जाकर एक नोटिस चस्पा कर दिया. क्षेत्रीय चाय पान की दुकानों पर चर्चाओ को आधार माने तो इसके बाद एक स्थानीय युवा सपा नेता के दबाव में आकर विवेचक महोदय शांत बैठ गये और इस घटना को दबाने का प्रयास करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पीड़ित के परिजनों की माने तो विवेचक द्वारा मुकदमा कमज़ोर करने के लिये दर्ज अपराध में धाराओ को भी हटाने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान मुख्य आरोपी और उसके साथ के लडको को क्षेत्र में आराम से टहलते हुवे लोग देखने की बात कहते नज़र आये है. इस सम्बन्ध में पीड़ित पक्ष को कोई राहत और इन्साफ मिलता क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज द्वारा नज़र नहीं आ रहा है. वही पीड़ित के बच्चे दहशत में विद्यालय जाना बंद कर चुके है. सपा के नाम पर धौस दिखाकर ऐसे अपराध को संरक्षण देने वाले सपा के युवा नेता को लेकर क्षेत्र में जोर शोर से चर्चा व्याप्त है.