आखिर क्यों गर्म हुई, महामना की बगिया, क्या यह बर्बरता नहीं.

कुलपति का था अड़ियल रवैया. चतुर्दिक हुई घटना की निंदा.

तारिक आज़मी

वाराणसी. महामना की बगिया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक बार कल रात को फिर गर्म हो गई. पुलिस ने खूब जमकर लाठिय पटकी, उधर छात्रो ने भी कई वाहनों में तोड़ फोड़ किया और कई को आग के हवाले कर दिया. मौके पर खूब पथराव हुआ जिसमे कई पुलिस कर्मी घायल हुवे. पुरे लंका क्षेत्र में ही सियापा सा लोटने लगा. कुलपति तो शांत मुद्रा में थे मगर छात्राओ को उनके होस्टल में भी लाठिया खानी पड़ी. उत्तेजित छात्रो ने कुलपति आवास के सामने ही प्रदर्शन में गालिया देना शुरू कर दिया. लाठी चार्ज में कई छात्र छात्राये घायल है जिनमे कई गंभीर रूप से घायल है.

उधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2 अक्तूबर तक की बंदी घोषित करके अपना पल्ला झाड लिया और कुलपति के अड़ियल रवैये से एक बार महामना की बगिया फिर से शीतल से गर्म हुई. ऐसी गर्म हुई कि इस प्रकरण कि चतुर्दिक निंदा हुई और रात भर निंदाओ का दौर चलता रहा. पुलिस की लाठियों का शिकार बनी ये बेटिया अस्पताल में इलाज करवाती नज़र आई. महामना की बगिया में बेटी बचाओ बेटी पढाओ के नारे ने उल्टा असर दिखाना शुरू कर दिया है, अपुष्ट सुचना के अनुसार एक घायल छात्रा की स्थिति गंभीर होने से उसको ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है. रात भर सर सुन्दर लाल चिकित्सालय में घायल छात्र-छात्राओ के इलाज और मरहम पट्टी का दौर चलता रहा, छात्राओ ने बताया कि बिना महिला पुलिस कर्मियों के पुरुष पुलिस कर्मियों ने उनके ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया है. कई छात्राओं ने यहाँ तक कहा कि उनके हास्टल तक के अन्दर जाकर लाठियों से पिटाई की गई है. मौके पर गंभीर स्थिति को देखते हुवे लखनऊ में बैठा आला कमान स्थिति पर अपनी नज़र बनाये हुवे है वही जिले के सभी थानों की फ़ोर्स के साथ सभी उच्चाधिकारी मौके पर रात भर थे.

क्या है मामला –

देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौर के दौरान विश्वविद्यालय की छात्राओ ने एक विरोध प्रदर्शन किया था. छात्राओ का कहना था कि कैम्पस में शोहदों का आतंक है. यही नहीं इन शोहदों से तंग आकर एक छात्रा ने अपने बाल तक मुंडवा लिये थे, यह विरोध प्रदर्शन के कारण लंका पुलिस ने एक आरोपी को पकड भी लिया है और उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जा रही है. छात्राओ का आरोप है कि लगातार छेड़खानी की घटनाये बढती ही जा रही है और प्राक्टोरियल बोर्ड से शिकायत करने पर कोई निस्तारण नहीं होता और न ही कार्यवाही होती है. लडकियो को शोहदे छेड़ते है और सुरक्षा कर्मी खड़े होकर देखते है. ताज़ा घटनाक्रम के मद्देनज़र गुरुवार को कैम्पस में शोहदों ने सुरक्षा कर्मियों के सामने ही छात्रा के साथ अभद्रता किया और छेड़खानी किया मगर सुरक्षा कर्मी केवल मूकदर्शक बने रहे. इस बीच छात्राओं का आरोप है कि सुरक्षा कर्मी कोई कार्यवाही इस कारण नहीं करते क्योकि वह खुद इस घटना में सम्मिलित रहते है. गुरुवार को हुई घटना के विरोध में शुक्रवार को छात्राओं ने कुलपति आवास के सामने धरना देना शुरू कर दिया. जिसका उग्र रूप शनिवार की रात को देखने को मिला.

इसी बीच सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रशासन से हुई कुलपति की बातचीत के दौरान यह निष्कर्ष निकाल लिया गया है कि विश्वविद्यालय को अनिश्चित कालीन बंद कर दिया जायेगा. हालाकि जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन दोनों ही इससे इनकार कर रहे है. इस बीच प्रशासन ने सर्च आपरेशन भी शुरू कर दिया है यही नहीं 2 अक्तूबर तक विश्वविद्यालय बंद होने के कारण छात्राये सुबह पौ फटते ही अपने अपने घरो को जाती देखी जा रही है, उधर वीडियो और फोटो के सहारे जिला प्रशासन विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सर्च आपरेशन कर रहा है वही दूसरी तरफ सूत्रों की सूचनाओ को आधार माने तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ छात्रो को निलंबित करने का भी मन बना लिया है.

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