वाराणसी – और पुलिस ने सुलझा दिया ठेकेदार विशाल सिंह हत्याकांड की गुत्थी, दो गिरफ्तार

साझीदार ने २ करोड़ के विवाद में करवाया था हत्या.

ताबिश अहमद/ अनुपम राज 
वाराणसी : सिगरा थाना क्षेत्र में ११ अक्टूबर को हुई ठेकदार विशाल सिंह की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। गुरुवार को एसएसपी आरके भारद्वाज ने हत्या के कारणों की जानकारी दी। ठेकेदार विशाल सिंह की हत्या उनके पार्टनर चंदौली निवासी पंकज सिंह ने करायी थी। पंकज व विशाल के बीच दो करोड़ रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था।
एसएसपी के ५० हजार के इनामी अपराधी राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू मामा व पांच हजार के इनामी आबिद सिद्दिकी ने पंकज के कहने पर ही विशाल सिंह की हत्या की थी। गुड्डू मामा नदेसर पार्षद विजय जायसवाल को मारना चाहता था। गुड्डू को शक था कि पुलिस के साथ मिल कर विजय जायसवाल उसका एनकाउंटर कराना चाहता है इसके चलते ही वह विजय जायसवाल को मार कर उसके क्षेत्र से सभासदी का चुनाव लडऩा चाहता था। पंकज सिंह ने गुड्डू मामा से कहा था कि वह विशाल सिंह की हत्या कर देगा तो पार्षद चुनाव का सारा खर्च वह उठायेगा। पंकज सिंह ने ही बिहार से अपराधियों को असलहा मुहैया कराया था। दोनों अपराधियों ने ठेकदार विशाल सिंह से जुड़ी सारी जानकारी जुटायी और मौका देकर गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों बदमाशों के पास से .३२ बोर की पिस्टल, चार कारतूस, ९ एमएम की पिस्टल के साथ पांच कारतूस व एक खोका के साथ हत्या में प्रयुक्त की गयी बाइक बरामद की है। एसएसपी आरके भारद्वाज ने दोनों हत्यारों को पकडऩे वाले एसआई को पदक दिलाने के प्रस्ताव भेजने व पुलिस टीम को १० हजार रुपये नगद दिया है।
नहीं खत्म होती गोली तो जा सकती थी सपा पार्षद की जान
गुड्डू मामा व आबिद ने १७ अक्टूबर की रात को कैंट थानाक्षेत्र के मिंट हाउस स्थित सपा पार्षद विजय जायसवाल के मकान पर गये थे और पार्षद विजय की हत्या करने के लिए कई राउंड गोलियां चलायी थी, जिसमे श्रवण मिश्रा की मौत हो गयी थी। पुलिस के अनुसार यदि अपराधियों की गोली नहीं खत्म होती तो पार्षद का जान बचाना कठिन हो जाता।
पकड़े गये अपराधियों पर दर्ज है दर्जन मुकदमे
गुड्डू मामा पर हत्या समेत कई दर्जन मुकदमे दर्ज है। गुड्डू के आपराधिक कृत्यों को देखते हुए पुलिस ने ५० हजार का इनाम रखा था। आबिद भी शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ भी विभिन्न थानों में मुकदमे पंजीकृत है। पुलिस ने आबिद पर पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। गौरतलब है कि मिंट हाउस पर पार्षद के आवास के पास श्रवण मिश्रा की हत्या करने के बाद दोनों अपराधी पकड़े गये थे। नशे में धुत दोनों अपराधियों की भागते समय बाइक लहुराबीर के पास एक स्कूटी से टकरा गयी थी इसको लेकर स्कूटी सवार व बदमाशों में विवाद हो गया था। मौके पर पहुंची के आते ही दोनों बदमाशों ने असलहा निकाल लिया था लेकिन गोली नहीं होने के चलते वह फायरिंग नहीं कर पाये। पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था और पूछताछ में ही सारी जानकारी का खुलासा हो पाया है।

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