एनटीपीसी ऊंचाहार पावर संयंत्र दुर्घटना – मरने वालों की संख्या बढ़ कर हुई 32
आदिल अहमद / शबनम शेख
सरकारी कंपनी एनटीपीसी की रायबरेली स्थित ऊंचाहार पावर संयंत्र में दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 32 हो गई है। यह पिछले आठ वर्षो में देश की सबसे बड़ी औद्योगिकी दुर्घटना हो गई है। वैसे दुर्घटना की सच्चाई जानने में अभी वक्त लगेगा क्योंकि एनटीपीसी की तरफ से गठित समिति की रिपोर्ट एक महीने बाद आएगी। वैसे सावधानी के तौर पर एनटीपीसी ने अपने तमाम ताप विद्युत केंद्रों पर सतर्कता बढ़ा दी है।
एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने जब पूछा गया कि दुर्घटना की असली वजह क्या है तो उन्होंने इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की वजह मेरे लिए बताना अभी सही नहीं रहेगा क्योंकि एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसके राय की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की गई है। यह मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट देगी। इसमें एक महीने का समय लग सकता है। इससे ही पता चलेगा कि दुर्घटना मानवीय भूल की वजह से हुई है या किसी सुरक्षा मानकों में गड़बड़ी होने की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना अपने आप में विरला मामला है। कंपनी के बेहद अनुभवी लोग इसके रख रखाव से जुड़े हैं। वैसे इससे यहां कंपनी की तरफ से लगाई जा रही नई इकाई का काम छह महीने बढ़ गया है।
ऊंचाहार प्लांट की जिस इकाई में यह दुर्घटना हुई है उसे भेल ने तैयार किया है। इसे 30 सितंबर, 2017 को ही चालू किया गया है। चार हफ्ते बाद ही इसमें दुर्घटना होने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब इसे बंद किया गया है जिसके फिर से शुरु होने में छह महीने का वक्त लग सकता है। उधर, देर शाम जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 32 हो गई है। दुर्घटना में झुलसे 13 और लोगों को शुक्रवार को नई दिल्ली लाया गया है। इन्हें नई दिल्ली स्थिति सफदर जंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सात लोगों को सेना के वायुयान से दोपहर में लाया गया जबकि देर शाम 6 और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को लाया गया।