डीएम ने मेजा तहसील सहित कई विभागों का किया औचक निरीक्षण,लापरवाह अधिकारियों को लगाई फटकार
राजस्व और पुलिस कर्मी ग्रामीण जनता का सहयोग करें - जिलाधिकारी सुहास एल.वाई.
आफताब फारुकी/तब्जिल अहमद
इलाहाबाद। जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. इलाहाबाद में अपना कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त से ही इलाहाबाद के नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं एवं उनकी शिकायतों के निस्तारण में किसी भी विभाग के स्तर से कोई भी कमी न हो इसको सुनिश्चित करने हेतु निरन्तर विभागों का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके दायित्वों के प्रति सचेत कर रहे हैं। जनता के कार्यो में लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर जिलाधिकारी लगातार कार्रवाही भी कर रहे हैं।
निरीक्षणों के निरन्तर क्रम में आज उन्होंने मेजा एवं करछना तहसीलों के निरीक्षण के साथ-साथ वहां के थानों का भी औचक निरीक्षण जिलाधिकारी ने किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान रजिस्टरों को चेक किया एवं शिकायतों के निस्तारण में किसी प्रकार की लापरवाही न बरते जाने हेतु अधिकारियों को सख्त निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम मेजा तहसील का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां पर समाधान रजिस्टर को देखा तथा संतोषजनक नहीं पाये जाने पर तहसीलदार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसमें सुधार लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिकायतों के निस्तारण में दो महीने से ज्यादा से ज्यादा समय लिये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त किये। उन्होंने राजस्व वादों के निस्तारण की प्रगति भी देखी जिसपर उन्होंने इसमें भी तेजी लाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने राजस्व निरीक्षक का रजिस्टर चेक किया तथा किसको कौन सा क्षेत्र मिला है इसका ब्यौरा लेते हुये खसरा खतौनी कम्प्यूटर में दर्ज है कि नही इसका निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यालय का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया तथा वहां कर्मचारियो की सर्विस बुक भी चेक की। कर्मचारियों का सेवा सत्यापन उपस्थिति और छुट्टी का विवरण भी देखे, जिसमें 2001 के बार सर्विस बुक में अंकित न पाये जाने के कारण तहसीलदार को कड़ी फटकार लगाई।
पिछली बार तहसीलदार एवं एसडीएम कब निरीक्षण किये थे, उसका समय भी सही नहीं पाया गया। इसके बाद लेखपालों द्वारा कार्य में लाये जाने वाली बस्ता सूची चेक की तथा यह जानकारी ली कि तहसील में खसरा बना हुआ है कि नहीं। संतोषजनक न मिलने पर लिपिक वशिष्ठ नारायण को कड़ी फटकार लगायी तथा कार्य में सुधार लाने के निर्देश दिये। इसके बाद आर सी फाइल चेक किये तथा जो सबसे अधिक बकायादार है उसका अभी तक उसपर कार्यवाही क्यो नही की गयी इस का स्पष्टीकरण मांगा। इस पर कई महीनों की फाइल पेंडिंग मिलने पर जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगाते हुये हर आरसी की फाइल बनाने का निर्देश दिया। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने मेजा थाना का औचक निरीक्षण करने पहुंच गये। निरीक्षण के दौरान हिस्टीसीटर, दबंग गांव, असलहा तथा असलहा कितने जमा हुये रजिस्टर का अवलोकन बड़ी सूक्ष्मता के साथ किये तथा असलहा कार्यालय में जाकर जमा हुयी बन्दूकों का भी निरीक्षण किया थाने मे व्यवस्थाओं की कमी पाये जाने पर थानाध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि ला एण्ड आर्डर कैसे मेंटेन करोगे, जब तुम्हारे पास व्यवस्थित ढंग से रखरखाव की असुविधा साफ सफाई की भी व्यवस्था थाना में अच्छी नही है।
जिलाधिकारी ने क्षेत्राधिकारी को भी यह निर्देशित किया कि बीच‘-बीच में वे भी कार्यालय को चेक कर लिया करें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेजा पहुंचे, वहां डार्क रूम में अव्यवस्था पाये जाने पर जिलाधिकारी बताया गया कि एक्स-रे मशीन दो महीने से खराब है। जिस पर जिलाधिकारी ने डार्करूम सहायक एवं एक्स-रे टेक्नीशियन को वेतन रोकने के आदेश एवं दोनों को आईजीआरएस सेल में अटैच करने का निर्देश सीएमओ को दिये। निरीक्षण के दौरान उपस्थित डाक्टरों से जानकारी ली कि मरीजों को दवा कहां से उपलब्ध होती है, तो डाक्टरों ने बताया कि गेट के बाहर मेडिकल स्टोर है वहीं से दवा मिलती है। डीएम ने मेडिकल स्टोर बन्द पाये जाने पर वहां उपस्थित डाक्टर सत्येन्द्र को कड़ी फटकार लगाते हुये कहा कि अगर मरीज सीरियस होगा और मेडिकल स्टोर बन्द रहेगा तो दवा कहां से मिलेगी।
जिलाधिकारी ने डाक्टर द्वारा जवाब न देने के कारण डाक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुये चेतावनी भी दिया। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी जवाहर नवोदय विद्यालय, मेजा खास भी गये। वहां बच्चों से उनकी पढ़ायी तथा खान-पान के बारे में जानकारी ली एवं संतोषजनक उत्तर पाया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने करछना तहसील का भी निरीक्षण किया। वहां भी आरसी रजिस्टर चेक किया तथा लेखपाल द्वारा खतौनी सही फीड न होने के कारण तहसीलदार को कड़ी फटकार लगायी। निरीक्षण के दौरान सर्विस बुक, किसानों की ऋण माफी की लिस्ट तथा खसरा खतौनी कौन सा जमा है का बस्ता भी चेक किया। सात साल तक खसरा न जमा होने के कारण लेखपाल को कड़ी फटकार लगायी।
उन्होंने इसी क्रम मे बैंक लोन की फाइल भी चेक की। तहसीलदार का नजारत रजिस्टर भी चेक किये जिसमें फाइल पेंडिंग मिला। जिस पर तहसीलदार को कड़ी फटकार लगायी। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी थाना करछना पहुंचे तथा वहां त्यौहार रजिस्टर, आगंतुक रजिस्टर, असलहा तथा पेंडिंग विवेचना, थाना दिवस रजिस्टर चेक किये। चेक करने के दौरान क्षेत्राधिकारी एवं इंस्पेक्टर को पेंडिंग विवेचना को तत्काल निस्तारित करने का निर्देश दिये।