बलिदान का हमारा इतिहास है, क्षेत्र के लिये अपना लहू तक बहा दूंगी – नीलम खान (कांग्रेस प्रत्याशी)

PNN24 NEWS

वाराणसी. वार्ड 46, सलीमपुरा की सीट को सभी ने जैसे प्रतिष्ठा का प्रश्न हर दल हेतु हो गया हो. इस क्षेत्र से कांग्रेस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या नीलम खान के तौर पर अपना कार्ड खेला है. नीलम खान इसके पूर्व 2002 से 2007 तक पड़ोस के वार्ड ओमकारलेश्वर से कांग्रेस के टिकट पर पार्षद रह चुकी है. नीलम खान के स्वर्गवासी पति भी पुराने कांग्रेसी थे. हमसे बात करते हुवे नीलम खान ने बताया कि हमारा बलिदान का इतिहास रहा है. मेरे पति नुसरत खान ने इसी शहर में अपने प्राण सिर्फ इस कारण दे दिये कि गरीब छात्रो को छात्रवृति मिल सके. आज उसी बलिदान का नतीजा है कि क्षेत्र के हर बच्चे को छात्रवृति मिलती है. मै कही से माइग्रेट करके आई हुई प्रत्याशी नहीं हु बल्कि क्षेत्र की ही बेटी भी हु और बहु भी. मुझको अपना परिचय अपने क्षेत्र में देने की आवशकता नहीं है बल्कि क्षेत्र वासी सम्मानित जनता मुझको खुद जानती है.

विकास के सम्बन्ध में बात करते हुवे उन्होंने कहा कि देखिये विकास की बात सभी कर रहे है, यहाँ तक कि लोग एक स्वप्न विकास दिखा कर कुर्सिया कब्ज़ा कर बैठे है जबकि हकीकत में कितना विकास कौन करवा रहा है वह आप खुद देख ले. मैं दस साल पहले पास के वार्ड से पार्षद थी मेरा काम जो दस साल पहले करवाया हुआ था वह आज भी चल रहा है और लोग दस दिन पहले करवाये हुवे काम को दिखा रहे है जो सिर्फ दस दिन में ही ख़राब हो गया. हम विकास करेगे मगर गुणवत्ता के साथ. न कि विकास करेगे गुणवत्ता से समझौता किया हुआ. आपके आँखों के सामने है आप देख ले किसका कैसा विकास है. शायद केंद्र की भाजपा सरकार के तर्ज पर किया हुआ विकास है जो पैदा नहीं हो पा रहा है. गुणवत्ता आप खुद देख ले मुझको कहने की आवश्यकता नहीं है. आज मछोदरी से लेकर पठानी टोला तक की सड़क जर्जर स्थिति में है, चुनाव बाद मैं इस सड़क को लखनऊ से पास करवा कर काम करवाउंगी. इसके लिये भले मुझको एक बार फिर धरने पर बैठना पड़ जाये तो बैठूंगी. जान दे दूंगी मगर सड़क बनवा कर ही सांस लुंगी. क्षेत्र की सीवर लाइन जर्जर है उन सीवर लाइन को बदलवाना है. क्षेत्र में यह आम समस्या है कि काफी लोगो के पास राशन कार्ड नहीं है. पहली प्राथमिकता के आधार पर राशन कार्ड बनवाऊगी. क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या है. इसके लिये मुख्यतः पानी की पाइप लाइन में एक बड़ा हिस्सा बदलवाना है जिससे लोगो को साफ़ पानी मिल सके. समय समय पर क्षेत्र में स्वास्थ कैम्पों का आयोजन करवा कर स्वास्थ प्रशिक्षण करवाऊंगी.

उन्होंने कहा कि जनता खूब जान रही हैं कि महिला के लिये अरक्षित सीट पर महिला केवल नाम के लिये है, किसी के पति चुनाव लड़ रहे है तो किसी का बेटा. अब जनता भी यह जान रही है कि जो प्रत्याशी उनके पास वोट मांगने नहीं आया वह प्रत्याशी चुनाव बाद घर पर बैठेगी और उनके नाम पर उनके पति अथवा बेटे द्वारा राजनीत होगी. जनता जनार्दन जानती है कि फिर सदन में उनकी बात कोई नहीं उठायेगा. सदन में इलाके का प्रतिनिधित्व ही नहीं होगा तो कैसे होगा विकास. मै कहती हु एक आम मंच पर आ जाये सभी प्रत्याशी. खुली बहस करे और जनता के सवालो का जवाब दे. जनता खुद फैसला कर लेगी.

हमारे प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से कहना चाहते है कि आम जनता एक बार प्रत्याशियों से सवाल ज़रूर करे. जो विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे है उनके विकास कार्यो की गुणवत्ता को देख ले और दस साल पहले हमारे द्वारा किये गये विकास कार्यो की गुणवत्ता को देख ले फिर फैसला करे. काम पर वोट दे नाम पर नहीं. धन्यवाद.

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