बिहार: पिता की मौत पर भी नहीं पहुंचा बेटा, तो बेटियों ने परंपरा तोड़ दिया कंधा और मुखाग्नि
गोपाल जी
पटना। सड़कों पर उस वक्त सभी की आंखें थम गईं जब पिता की लाश को बेटा ने नहीं बेटी ने कंधा दिया। बेटी शव को कंधा देकर श्मशान घाट ले गई और खुद मुखाग्नि देकर बेटा का फर्ज निभाया। दरअसल ये नजारा बिहार के जहानाबाद जिले में देखने को मिला जहां दो बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को ना सिर्फ कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि देकर संतान का फर्ज निभाया। इस दौरान वहां उपस्थित सभी लोग बेटी के इस कारनामे को देख गर्व महसूस कर रहे थे तो बेटियों का कहना था कि पापा मैं तुम्हारी जगह तो पूरी नहीं कर सकती, लेकिन तुम्हारी बेटी होने का हक जरूर अदा करूंगी। मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं।
जानकारी के मुताबिक मामला बिहार के जहानाबाद जिले का है, जहां के रहने वाले विनोद कुमार पिछले कई महीनों से बीमार थे और इसी बीमारी के कारण उनका इलाज पटना के पीएमसीएच अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान कल उन्होंने अपनी आखरी सांसें ली। मौत के बाद इस बात की जानकारी उनके बेटे को दी गई पर वो उनका अंतिम दर्शन करने भी नहीं पहुंचा, जिसके बाद उनकी तीनों बेटियों ने खुद कंधा देते हुए उन्हें श्मशान घाट ले गईं और मुखाग्नि देते हुए बेटे का फर्ज अदा किया। जब बेटी अपने पिता की लाश को कंधे पर ले जा रही थी तभी वहां उपस्थित सभी लोग और रास्ते में भी सभी उसके हौसले को सलाम कर रहे थे। लोगों का कहना था कि अगर सभी की बेटी ऐसी हों तो बेटे की जरूरत ही नहीं।
गांव वालों का कहना है कि जहानाबाद की पुरानी सिविल कोर्ट के पीछे रहने वाले विनोद कुमार की मौत के बाद उस वक्त उनकी दोनों बेटी टूट गईं जब उसका भाई अपने पिता की लाश को देखने भी नहीं पहुंचा। उनकी मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हुई थी। जिसके बाद उसकी दोनों बेटी ज्योति कुमारी, सुरुचि कुमारी ने खुद उन्हें कंधा देने और अंतिम विदाई देने का फैसला किया। जब इस बात की जानकारी आस-पास के लोगों को मिली, तब वॉर्ड पार्षद के पति राजीव कुमार, बाड़ू यादव पहुंचे और बच्चियों के साथ अर्थी को कंधा देकर जहानाबाद के गौरी घाट तक ले गए। जहां उनकी बेटियों ने अंतिम संस्कार किया।