बिहार : वर्ष 2003 से पहले के सिपाहियों की हवलदार में प्रोन्नति मंजूर नहीं

गोपाल जी,

पीटीसी ट्रेनिंग स्थगित होने के बाद पुलिस मेंस एसोसिएशन के तेवर तल्ख हो गए हैं। एसोसिएशन का कहना है कि वर्ष 2003 तक बहाल सिपाहियों की पीटीसी ट्रेनिंग कराकर एएसआई में प्रोन्नति दी जाए। सिपाही को पहले हवलदार फिर एएसआई बनाने से संबंधित प्रस्ताव वर्ष 2004 से हुई बहाली पर लागू हो। इस बाबत एसोसिएशन ने गृह विभाग को भी पत्र लिखा है।
15 नवम्बर से होनी थी ट्रेनिंग
सिपाहियों के लिए पीटीसी की ट्रेनिंग 15 नवम्बर से शुरू होनी थी। पुलिस मुख्यालय का कहना है कि एएसआई के पद पर रिक्तियां नहीं है। इस लिहाज से पीटीसी ट्रेनिंग का कोई मतलब नहीं बनता। यह भी कहा गया है कि पीटीसी के लिए जरूरी प्रावधानों के तहत कार्रवाई नहीं की गई है। इन दो बिंदुओं का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय ने 15 नवम्बर से शुरू होनेवाली पीटीसी ट्रेनिंग को स्थगित कर दिया था।
इस बात पर है एसोसिएशन का एतराज
सिपाही-हवलदार का प्रतिनिधित्व करनेवाले बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पुलिस मुख्यालय के इस आदेश पर सख्त एतराज जताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार धीरज के मुताबिक यह फैसला पुलिस मुख्यालय की मनमानी है और पुलिस मैनुअल के खिलाफ उठाया गया कदम है। हमारी मांग है कि वर्ष 2003 बैच तक के सिपाहियों की पीटीसी कराई जाए, क्योंकि इस बैच तक के एससी-एसटी श्रेणी से आनेवाले सिपाहियों का पीटीसी हो चुका है।
हवलदार में है प्रोन्नति का प्रस्ताव
पुलिस मुख्यालय ने नई व्यवस्था के तहत जो प्रस्ताव दिया है उसमें सिपाही पहले हवलदार बनेंगे फिर एएसआई में प्रोन्नति होगी। चूंकि अब नन मैट्रिक बेसिस पर पुलिस में बहाली नहीं होती है, लिहाजा वर्तमान नियम के तहत कोई भी सिपाही हवलदार नहीं बन पाएगा। पहले असाक्षर सिपाही हवलदार बनते थे। चूंकि हवलदार का पद पुलिस के लिए महत्वपूर्ण है और उसे समाप्त नहीं किया जा सकता, ऐसी सूरत में सभी सिपाही हवलदार बनने के बाद ही एएसआई बनेंगे।

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