बिहार में अब मिड-डे मील की दाल में डूबकर मर गया 5 साल का छात्र

गोपाल जी,

राजधानी पटना के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील की दाल में एक नाबालिग बच्चे की गिरने से मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रसोइया के खाना बनाने के दौरान लापरवाही को लेकर एक 5 साल का मासूम बच्चा मिड-डे मील की दाल के टब में डूब गया, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद इस बात को दबाने के लिए स्कूल प्रशासन ने माफी मांगते हुए मृतक बच्चे के परिवार वालों को डेढ़ लाख रुपए देने की भी बात कही और आनन-फानन में बच्चे का अंतिम संस्कार भी करवा दिया गया। जानकारी के मुताबिक मामला राजधानी पटना के खुसरुपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बड़ा हसनपुर का है। जहां सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला एक 5 वर्षीय बच्चा दिलखुश, स्कूल में खेल रहा था तभी रसोइया के द्वारा दाल बनाकर नीचे रखा गया था और खेलते-खेलते दिलखुश दाल के टब में गिर गया।

दाल में डूब गया 5 साल का मासूम

दाल में गिरने से उसका पूरा शरीर झुलस गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद गमहीन परिजन ने स्कूल के शिक्षक की बातों में आकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, जिससे साक्ष्य पूरी तरह छुप जाए और इसके लिए उसे डेढ़ लाख रुपए देने का भी लालच दिया गया। घटना के कुछ ही देर बाद मामले की हकीकत सामने आ गई, जिसके बाद स्कूल के हेडमास्टर कामत कुमार से इस विषय के बारे में पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने बात को टालते हुए घटना को छुपाने की खतरनाक साजिश रची और जिला प्रशासन को भी इस मामले की जानकारी नहीं दी गई और इस मामले में लीपापोती करना शुरू कर दिया।

स्कूल ने लापरवाही छुपाने कि कोशिश की

दरअसल बच्चे के पिता गुड्डू कुमार एक मामले में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद हैं तो गरीबी के कारण बच्चे की मां और दादी मजदूरी करती हैं। इसकी वजह से उसकी इस आवाज को दबाने की कोशिश की गई और बच्चे की मौत का सौदा महज डेढ़ लाख में तय किया गया। वहीं दिलखुश के दादा कीरत सिंह मजदूरी करते हैं तो दिलखुश की दादी शीला देवी खुसरुपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मिड-डे मील बनाने की खातिर बातौर रसोइए का काम कर परिवार का भरण पोषण करती हैं।

बच्चे के संग हुए हादसे को भी छुपाने कि कोशिश की गई

जब इस मामले में वहां के BDO से पूछताछ की गई तो वो भी मामले की हकीकत बताने से कतराने लगे। वहीं नजदीकी थानेदार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि फोन पर सूचना मिली है लेकिन परिजन या विद्यालय प्रबंधन के द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई है।

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