मासूमों की जान पर बन आई ये लापरवाही, बंद कार में घंटो छटपटाते रहे बच्चे
बलिया ।। जरा सी लापरवाही से तीन मासूमों की जान पर बन आई। संयोग कहिए कि एक गाड़ी वाले की नजर कार में बंद तीन बच्चों पर पड़ गई। कार में बंद होने से छटपटा रहे इन मासूमों को गाड़ी का शीशा व लॉक तोड़कर बाहर निकाला गया। घटना शुक्रवार की सुबह जिला अस्पताल में घटी। करीब एक घंटे तक यह मासूम कार में छटपटाते रहे। इस घटना से घंटों अफरा-तफरी का माहौल रहा। इन बच्चों के परिजन भी काफी तलाश के बाद मिले।
बिहार के बक्सर जिले के फुलवरिया गांव निवासी भूषण गोंड अपने परिवार की दो महिलाओं व तीन बच्चों के साथ अल्टो कार से जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती इंदु देवी (25) पत्नी विनोद गोंड निवासी बड़का खेत थाना नरही को देखने के लिए आए थे। वे सभी बर्न वार्ड में बच्चों को भी लेकर गए। वहां बच्चों के डरने व उत्पात मचाने पर उन्हें गाड़ी में लाकर बैठा दिया। इधर मासूम कुछ देर तक गाड़ी में बड़े ही शांति से रहे लेकिन खेल-खेल में गाड़ी लॉक हो गई। इस पर वे शीशा नीचे-ऊपर नहीं होने पर घबराने लगे। कुछ समय बीतने पर उनकी हालत बिगड़ने लगी। वे शीशे के अंदर से गुजर रहे लोगों को देख चिल्लाते रहे लेकिन न तो उनकी आवाज बाहर नहीं आ रही थी और न ही किसी की नजर इन पड़ रही थी। इसी बीच वहां एक चार पहिया वाहन आ गया। गाड़ी हटाने के लिए चालक ने हार्न बजाया। उसमें से किसी के नहीं निकलने पर सवार नीचे आ गया। वहां कार के अंदर बच्चों की छटपटाहट को देखकर वह अवाक रह गया। उनसे शोर मचाते हुए गाड़ी का शीशा व लॉक तोड़कर बच्चों को बाहर निकला। बच्चे जहां घबराएं हुए थे वहीं वे पसीने से पूरी तरह से भींग गए थे। उधर यह सूचना पाकर यूपी-100 की गाड़ी भी वहां पहुंच गई। बच्चों को टॉफी व बिस्कुट खिलाया गया। इसके बाद परिजनों की तलाश में पुलिस जुट गई। काफी देर बाद इन मासूमों के परिजन मिले।