इतनी मजाल – नेपाली दुकानदारों ने झूठा आरोप लगा उत्तर प्रदेश पुलिस कर्मियों की किया पिटाई
महाराजगंज. नेपाल में चीनी हस्तक्षेप के बाद से उसकी घुसपैठ नेपाल में लगातार बढ़ने लगी है, उस पर से नेपाल में नई सरकार को जानकार भारत विरोधी सरकार मान रहे है. इन सभी अटकलों के बीच कल देर शाम हुई एक घटना ने इन अटकलों को और जोर दिया. घटना में नेपाली दुकानदारों ने वहा खरीदारी करने गये उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मियों की पिटाई कर दिया. मामला नेपाल के थाने तक गया मगर नेपाल की एक व्यापारी संस्था के दबाव के कारण पुलिस कर्मियों को सुलह करनी पड़ गई. इसका साइड इफेक्ट आज पूरा दिन नेपाल भारतीय सीमा के बाजारों में दिखाई दिया. रोज़ ही लगभग कई नेपाली पुलिस कर्मी नेपाल से भारत खरीदारी करने आते है, मगर आज एक भी नेपाली पुलिस वाला वर्दी में भारतीय सीमा क्षेत्र की बाजारों में नहीं दिखाई दिया. घटना से सीमावार्थी भारतीय थानों के पुलिस कर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त है.
शनिवार को नेपाल के कृष्णानगर कसबे में कृष्णा कन्सर्न लक्जरी दुकान पर नेपाल सीमा पर स्थति यूपी के थाना शोहरतगढ़ पर तैनात दरोगा और सिपाहियों एवं स्थानीय दुकानदारो के बीच में कुछ विवाद एक जैकेट खरीदने को लेकर हो गया. फिर क्या था नेपाली दुकानदारो ने जमकर तांडव मचाया और दरोगा एवं सिपाहियों के साथ अभद्रता के अलावा मारपीट भी किया. यही नहीं रुका मामला और दरोगा की वर्दी फाड़ दिया गया, बैज नोच कर फेंक दिया गया। नेपाली दुकानदारों ने पिटाई की सो अलग। विवाद जैकेट खरीदने को लेकर हुआ। दुकानदारो का आरोप है कि पुलिस वालों ने गाली दी जबकि एक प्रत्यक्षदर्शी और पुलिस वालों का कहना हे कि आरोप झूठ है। वे आपस में बात कर रहे थे। जैकेट का मोल भाव कर रहे थे तभी दुकानदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और बात बढ़ गई. मामला थाना कृष्णानगर पर पहुंचा जहां नेपाल उद्योग वाणिज्य संघ व बढ़नी पुलिस चौकी के प्रयासों से सुलह संभव हुआ। इस घटना के बाद अगर दूसरा रूप देखा जाये तो अगर सोनौली बॉर्डर पर भारतीय प्रशासन टाईट हो जाये तो नेपाल के दुकानदारो व नागरिको को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
पूरा मामला इस तरह है कि शनिवार को शाम छह बजे शोहरतगढ़ थाने के एस.आई. श्रवण कुमार दूबे उर्फ देवेंद्र , एस.आई दिनेश सिंह, एस आई जुबेर अली व एक सिपाही नेपाल के अन्य दुकानों पर जैकट देखने के बाद कृष्णानगर के कृष्णा कन्सर्न लक्जरी दुकान पर जैकट खरीदने गये। वहाँ दरोगा की साईज का जैकेट न होने से सभी पुलिस वाले आपसी बातचीत करने लगे. अचानक दुकानदार सुरेश अग्रवाल व लड़का रिंकू यह आरोप जड़ बैठा कि दरोगा हमे माँ की गाली दे रहे हैं। इसे लेकर तू-तू मै-मै होते होते बात मारपीट मे तबदील हो गया। झगड़े मे दरोगा व सहयोगियों को भी काफी चोटे आई। घटना के समय शोर सुन नेपाली गस्ती पुलिस पहुंच कर बीच बचाव कर दोनो पक्षों को थाने ले गई।
नेपाल थाने के इंस्पेक्टर सुरेश गेरे ने बताया कि भारतीय दरोगा व उनके हमराही सुलहनामे मे अपने को शोहरतगढ थाने मे तैनात बता रहे हैं। दोनो पक्षों ने अपनी गलती स्वीकार कर सुलहनामा कर लिए हैं। उक्त मामला गलतफहमी व नासमझी के कारण उतपन्न है। वहीं दूसरी ओर इसे आने वाली नई सरकार के भारत विरोध की दृष्टि से देखा जा रहा है। भारत सीमा से सटे नेपाल के तराई तक इसका असर दोनों देशों के रिश्तो में खटास पैदा कर सकता है। वर्दीधारी भारतीय पुलिस जनों के साथ मारपीट जैसी हरकत से नेपाल सीमा से सटे भारतीय थानों की पुलिस आक्रोशित है। नेपाल के बाजार भारतीय ग्राहको पर ही निभर्र है। यदि सीमा की पुलिस सख्ती पर उतर आई तो नेपाल को उसकी ज़मीनी हकीकत समझ आ जायेगी.