अंतिम चरण की जंग में तुफानी प्रचार, वाराणसी बना केन्द्र बिन्दु
शबाब ख़ान
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली ने यूपी का चुनाव बिल्कुल आसमान पर पहुंचा दिया है। उनकी दो दिन से चल रही सभाओं और रोड शो का सिलसिला सोमवार को खत्म हो जाएगा। क्योंकि सोमवार शाम इस चरण के लिए प्रचार का अंतिम दिन होगा। इस चरण के लिए आठ मार्च को मतदान होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भाजपा के सभी बड़े नेताओं और मंत्रियों ने इस समय वाराणसी में डेरा डाल रखा है। सभी मंत्री लगातार जनसम्पर्क कर रहे हैं। इससे कम से कम यह सन्देश तो जाता ही है कि मोदी किसी भी कीमत पर अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और उसके आसपास की सीटों पर भाजपा की हार नहीं चाहते। आखिर यही वह क्षेत्र है जिससे उन्हें लाजवाब सफलता मिली थी और वे आसमान की बुलन्दियों वाली सफलता पर सवार हो गए थे। लेकिन इस सीट पर हार का सीधा मतलब उनकी घटती लोकप्रियता से जोड़ लिया जाएगा, यह सच वे भी जानते हैं, इसलिए उन्होंने न सिर्फ काशी में डेरा डाल रखा है, बल्कि सघन प्रचार भी कर रहे हैं।
वहीं अखिलेश यादव पिछली बार के विधानसभा चुनाव में मिली बढ़त को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे, वे भी अपने सहयोगियों, समर्थकों के साथ काशी क्षेत्र में डटे हुए हैं। कांग्रेसी खेमे से मिले सहयोग के बल पर अखिलेश को लग रहा है कि वे न सिर्फ पिछले बार के दबदबे को बरकरार रखेंगे बल्कि और अच्छी सफलता हासिल करेंगे।
इस दौर की साइलेंट किलर मानी जाने वाली मायावती के खेमे में मुख्तार अंसारी जैसे लोगों के आने से उन्हें उम्मीद है कि इस दौर के मुसलमान केवल उन्हें ही वोट देंगे। दरअसल इस दौर की भारी सीटों पर मुख्तार अंसारी भाइयों का मुस्लिम वोटों पर प्रभाव माना जाता है। मायावती के पक्ष में यहां एक बात और है जो उनको आगे रखती है वह ये कि इस क्षेत्र में उनके समर्थन में रहने वाले जाटव आबादी काफी संख्या में निवास करती है। ऐसे में अगर उन्हें बढ़त मिल जाए तो कोई आश्चर्य नहीं कहा जा सकता।
अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित सात जिलों की 40 विधानसभा सीटों के लिए आठ मार्च को मतदान होगा। इसी चरण में तीन नक्सल प्रभावित जिले भी शामिल हैं। सोनभद्र, मिजार्पुर और चंदौली में सुरक्षाबल एलर्ट हैं। अंतिम चरण में 1।41 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें 64।76 लाख महिलाएं हैं। कुल 14 हजार 458 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं।
बता दें कि पिछली बार 2012 के चुनाव में इन 40 सीटों में से 23 सपा के खाते में गई थीं। जबकि बसपा को पांच और भाजपा को चार सीटें ही मिली थी। वहीं कांग्रेस को तीन और अन्य को पांच सीटें मिली थीं। इस चरण में गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, मिजार्पुर, भदोही और सोनभद्र में मतदान होगा। जानकारी के अनुसार इस चरण में कुल 535 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस दौर में बसपा के 40, भाजपा के 32, सपा के 31, कांग्रेस के नौ, रालोद के 21, राकांपा के पांच प्रत्याशी मुकाबले में अपनी किस्मत आजम रहे हैं। सबसे अधिक 24 उम्मीदवार वाराणसी कैण्ट सीट से मैदान में हैं जबकि सबसे कम छह प्रत्याशी केराकत अनुसूचित जाति सीट पर हैं।