मऊ – धरती के भगवान् चंद कदम न आ सके मरीज़ को देखने और तड़पती रही मरीज़
मऊ। चिकित्सक को धरती का भगवान भी कहा जाता है मगर जब भगवान ही खुद अपनी महानता न समझे तो फिर इस स्थिति को भगवान भरोसे समझिये. वैसे भी सरकारी चिकित्सा भगवान भरोसे रहती है. इसका एक जीता जागता सा उदहारण आज उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के जिला चिकित्सालय में देखने को मिला जहा पर वायरल फीवर की शिकायत पर इमरजेंसी में भर्ती मरीज़ को समुचित इलाज केवल इस कारण नहीं मिला क्योकि जिस डाक्टर ने उसको भर्ती किया था वह डाक्टर आज नहीं आये और इमरजेंसी में तैनात डाक्टर किसी अन्य का मरीज़ देखने को तैयार ही नहीं हुवे/
घटना के सम्बन्ध में मरीज़ के परिजनों ने हमसे बताया कि मरीज़ लक्ष्मी को वायरल फीवर की शिकायत पर इमरजेंसी वार्ड में डाक्टर ए.के राय के संरक्षण में भर्ती करवाया गया है. मरीज़ की अचानक तबियत बिगड़ने लगी और मरीज़ के तीमारदार द्युति पर तैनात चिकित्सकडाक्टर सुबोध चन्द्र यादव के पास गए मगर डाक्टर यादव ने मरीज़ के तीमारदारो को यह कहकर लौटा दिया कि इसका इलाज डाक्टर राय कर रहे है वही इसकी देखेगे. मरीज़ के तीमारदारो ने कई बार आग्रह किया मगर डाक्टर यादव मरीज़ देखने नहीं जाना था तो नहीं गये
इसके बाद अपनी मरीज़ के ख़राब होती हालात से परेशान तीमारदार डा, राय का पता लेकर उनको तलाशते हुवे उनके आवास पर पहुचे. परिजनों के आरोपों को आधार माने तो डाक्टर राय घर से बाहर ही नहीं निकले और अपनी पत्नी से कहलवा दिया कि कल देखेगे, इस प्रकार मरीज़ के तीमारदार अपनी मरीज़ कि जान बचाने के लिये इधर से उधर दौड़ते रहे मगर कोई डाक्टर उनकी मरीज़ को देखने नहीं आया. परिजनों के आरोपों को माने तो उन लोगो ने रेफर करने को खा मगर किसी ने मरीज़ को रेफर तक नहीं किया और मरीज़ बुखार में तड़पती रही.