एक अदद कंबल की आस, महिलाये लौटी होकर निराश
एडीएम बोले करीब 6 हजार कंबल बंटवाए, दस हजार कंबल और मंगवाए
बांदा। सर्दी का सितम जारी है। गरीब एक अदद कंबल की आस में आए दिन, तहसील और कलेक्ट्रेट में भटक रहे हैं। मंगलवार को भी सदर तहसील में दर्जनों बुजुर्ग महिलाएं कंबल की आस में बैठी रहीं। उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। इन महिलाओं का आरोप था कि कई दिनों से लौट रहे हैं, लेकिन कंबल नहीं मिल पा रहा है। बर्फीली हवाओं से गलन ने जनमानस को झकझोर रखा है। इधर कई दिनों से सूरज की लुकाछिपी से लोग ठिठुर रहे हैं।
ऐसे में साधन सम्पन्न लोग तो गर्म कपड़ों से जहां तन को ढक लेते हैं। अधिकारी वर्ग रूम हीटर लगाकर सर्दी से बचने का प्रबंध कर रखे हैं। लेकिन गरीब तबके के लोग सर्दी से ठिठुरने को मजबूर हैं। हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा बराबर गरीबों को कंबल वितरण करने का दावा किया जा रहा है। यही नहीं चौराहों पर अलाव की व्यवस्था भी कराने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद भी दर्जनों की तादाद में गरीब कंबल की आस में भटक रहे हैं। तमाम महिलाएं सदर तहसील में एक अदद कंबल के इंतजार में बैठी थीं। चुनकी, कैलशिया, रामवती, सुभद्रा, शकुंतला आदि