श्रीराम चरित मानस कथा का श्रवण मन शुद्धि का सबसे बड़ा उपाय – कथा वाचक कृष्णकांत

विनय यागिक

कोंच(जालौन)- नगर के धनुताल स्थित विजय श्री हनुमान लंकेश्वर मन्दिर पर चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा तथा शतचंडी महायज्ञ के दौरान कथा बाचक कृष्णकांत बाचपेयी ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि इस कलियुग में श्रीराम चरित मानस कथा का श्रवण मन शुद्धि का सबसे बड़ा उपाय है उन्होंने कहा कि शांत और एकांत मनोयोग से श्रीराम कथा सुनने से मनुष्य को आत्मिक रूप से शांति मिलती है।

गुरुबार को देर शाम को कथा बाचक श्री बाचपेयी ने बुधबार को भगवान शिव व माता पार्वती विवाह का सुंदर वृतांत श्रद्धालुओं को सुनाया उन्होंने कहा कि भक्तों द्वारा की जाने वाली भक्ति से देवों के देव महादेव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और वह अपने भक्तों के संकटों को हरने के साथ-साथ उनकी इच्छा को भी पूर्ण करते हैं जिस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश का अनादर होता है वह यज्ञ किसी भी सूरत में पूरा नहीं होता और न ही वह मांगलिक होता है।

कथा वाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि माता सती के पिता दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया था इस यज्ञ में उन्होंने भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिया और माता सती बिना निमंत्रण के ही यज्ञ में पहुंच गई। लेकिन वहां भगवान शिव को देख सती के पिता राजा दक्ष गुस्से से लाल पीले हो गए और उन्होंने भगवान शिव का अनादर किया भगवान शिव के अनादर को माता सती बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उन्होंने अग्निकुंड में कूदकर अपना शरीर अग्निदेवता को समर्पित कर दिया। बाद में उन्होंने माता पार्वती के रूप में जन्म लिया और भगवान शंकर से उनका विवाह हुआ ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिवार ये तीनों एक हैं इस दौरान अनिल पटैरिया शिशिर ठाकुर रामेन्द्र सिंह दंगल सिंह यादव नृपेंद्र सिंह विक्की राठौर पारस यागिक निखिल सोनी उषा देवी उमा देवी उर्मिला देवी शांति देवी आदि भक्तो ने रामकथा का आनन्द लिया।

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