योगी की दीक्षा में नारी सशक्तीकरण के दर्शन
इलाहाबाद : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम को नारी सशक्तीकरण का प्रतीक बताया। कहा कि तीन नदियों का यह संगम उस मातृशक्ति को प्रदर्शित करता है जो महिला सशक्तीकरण के आधार को मजबूत करती है। यह भी कहा कि संगम की इस रेती पर 15 हजार बालिकाओं का मिलन भी महिला सशक्तीकरण को दर्शाता है। संगम का श्रेय तीर्थो के राजा प्रयाग को है और देवी स्वरूपा बालिकाओं के मिलन का श्रेय विद्या भारती परिवार को है।
संगम तट के पास समुत्कर्षा समारोह में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्राओं के हुजूम के बीच तीर्थराज की महिमा से अपना संबोधन शुरू किया और तीर्थराज के गुणगान के साथ ही वाणी को विराम भी दिया। बोले तीर्थराज प्रयाग का अपना महत्व है। यह मान्यता है कि कुंभ के अवसर पर जप और तप की इस धरती पर सभी देवी-देवता वास करते हैं। भारत की इस शास्त्रीय और वैदिक मान्यता ने पुन: चरितार्थ कर दिया है, क्योंकि एक साथ 15 हजार बहनें यहां पर उत्तम और संस्कार की शिक्षा के लिए भागीदारी कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सदैव मातृ प्रधान रही है। मातृ प्रधान व्यवस्था से परिवार के साथ ही समाज भी मजबूत होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब भी तमाम रुढि़वादिता समाज में है। बेटियों को लेकर परिवार में भेदभाव होता है। यहीं से समाज में विकृति पैदा होती है। जबकि बालक और बालिका में भेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थान का अपना महत्व होता है।
प्रयाग में आयोजित इस शिविर से भेदभाव दूर करने का संदेश जाएगा। कहा कि संगमनगरी में दूर-दूर से छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं। शिविर में आईं बालिकाओं से उन्होंने कहा कि यह क्षण अद्भुत है। शिविर में बालिकाओं में अंतर्निहित असीम क्षमताओं एवं नैसर्गिक गुणों तथा शक्तियों के प्रकटीकरण के लिए चार दिवसीय शिविर का आयोजन हुआ है। बालिकाएं यहां से प्रत्येक ज्ञान को लेकर अंगीकार करें तो जीवन में सफलता कदम चूमेगी। प्रयागराज की इस पावन धरती से ये बालिकाएं परिवार, समाज, राष्ट्र को मजबूत करने और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर जाएंगी तो निश्चित तौर पर नए आयाम दिखाई देंगे। बदलाव की बयार बहेगी और फिर श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम भारत का निर्माण होगा।