इलाहाबाद – आकाशवाणी के गौरवशाली इतिहास में ‘मील का पत्थर’ बने गांधी और नेहरू

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद : आज एक फरवरी है। प्रयाग की धरा मे आजादी के तुरंत बाद ही आकाशवाणी का जन्म हुआ था। आज पूरे 70 साल की आयु प्राप्त कर चुके आकाशवाणी इलाहाबाद के जज्बे पूरी तरह से जवां हैं। कभी महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत का संदेश पूरे राष्ट्र को सुनाने वाला आकाशवाणी सूचना तंत्र के मजबूत कलेवर के साथ डिजिटलाइजेशन की गति पकड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात को कहने का सशक्त माध्यम आकाशवाणी को मान रहे हैं।

सत्य-अहिसा का संदेश भारतवासियों तक पहुंचाने के लिए 1930 में महात्मा गाधी ने भी रेडियो को ही चुना था। 15 अगस्त, 1947 को सबसे पहले रेडियो पर पंडित जवाहर लाल नेहरू की आवाज सुनकर ही भारतवासियों ने जाना था कि अब देश आजाद है। इलाहाबाद से ही कला साहित्य और संस्कृति की मजबूत नींव रखने का काम आकाशवाणी द्वारा किया गया। अलबत्ता पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, डा. धर्मवीर भारती, सुमित्रा नंदन पंत , धर्मवीर भारती, विद्या निवास मिश्र जैसे साहित्य सर्जकों ने साहित्य को पोषित करने का माध्यम आकाशवाणी को ही बनाया। दौर बदला तो कला क्षेत्र ने इलाहाबाद में अपनी पकड़ मजबूत बनाई , जिसका असर रहा कि आकाशवाणी से ही नाटय कला का विस्तार हुआ।

एक सफर : आकाशवाणी :

1 फरवरी 1949 को इलाहाबाद में आकाशवाणी की स्थापना हुई। इस केंद्र की शुरुवात एक किलोवाट मीटर वेव ट्रांसमीटर से हुई थी। बाद में 1965 में यहां विविध भारती का भी प्रसारण शुरू किया गया। 1995 में प्राइमरी चैनल का प्रसारण बढ़ाकर बीस किलो वाट मीटर वेव ट्रांसमीटर कर दिया गया। इलाहाबाद से अस्सी किलोमीटर की परिधि पर बहुत अच्छे से इसका प्रसारण शुरू किया गया। वर्तमान में आकाशवाणी में रिकार्डिग और प्रसारण डिजिटल किया जा चुका है। आकाशवाणी के पास वर्तमान में 23 हजार गानों का बैंक है।

हम प्रतिबद्ध हैं : नए कलेवर के साथ आकाशवाणी निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रयाग की कला और संस्कृति भी बढ़ाने में आकाशवाणी पूरा सहयोग कर रहा है। – मंजुल किशोर वर्मा, कार्यक्रम प्रमुख आकाशवाणी

आकाशवाणी की 70 वीं स्थापना दिवस मनाने के साथ हम श्रोताओं को पूरा विश्वास दिलाते हैं कि प्रसारण के सर्वोच्च मूल्यों की स्थापना करेंगे। – टी आर जायसवाल, उप निदेशक अभियांत्रिकी

प्रयास है कि हम श्रोताओं की मंशा के अनुरुप कला साहित्य और संस्कृति के साथ समाज के विभिन्न स्वरूपों को आम जन मानस तक पहुंचाएं – आशीष चतुर्वेदी, कार्यक्रम अधिशाषी

श्रोताओं की जुबानी :

आकाशवाणी ने अनेक गौरव हासिल किए है। अनेक साहित्यकारों को विश्व पटल तक ले जाने में आकाशवाणी का विशेष योगदान रहा है। – राजेश श्रीवास्तव

जब बनारस में आकाशवाणी नहीं था तब कलाकारों को स्वर परीक्षा के लिए इलाहाबाद आना पड़ता था। गिरिजा देवी जैसे कलाकारों ने यहां से ही स्वर परीक्षा पास की थी। – इंद्रदेव पांडेय

समय बदलने के साथ आकाशवाणी अब अपने नए कलेवर में आ चुका है। इसमें अनेक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। – व द मित्रम

यह श्रोताओं के लिए बेहतर माध्यम बना हुआ है। उम्मीद है कि आगे भी आकाशवाणी आम जनमानस के बीच बेहतर संवाद स्थापित करेगा। – विनोद राय

आकाशवाणी ने एक लंबा सफर तय किया है। यह ऐसे ही कामयाबी की नई मिसाल कायम करे, ऐसी कामना है। – डा. आंजनेय शुक्ल

प्रदेश में आकाशवाणी इलाहाबाद काफी ख्यातिलब्ध रहा है। कला संस्कृति को बढ़ाने में इसका अहम योगदान रहा है। – माया राय

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *