पुलिस की लापरवाही पर समाजसेवी की सक्रियता पड़ी भारी, मिल गया अज्ञात लाश को अपनों के कंधे का सहारा

आफताब फारुकी.
इलाहाबाद। पुलिस की लापरवाही पर एक समाजसेवी की सजगता भारी पड़ी। लावारिस हालत में मौत की आगोश में समाये एक युवक के आखिरकार परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर उसकी शिनाख्त कर ली और अंतिम समय में उसे अपनों का कंधा नसीब हो गया।

एसआरएन अस्पताल परिसर में 28 जनवरी को एक 36 वर्षीय विक्षिप्त युवक पड़ा मिला था। उसके दाहिने पैर में फैक्चर था। उसे एसआरएन पुलिस चौकी के लोगों ने एसआरएन अस्पताल में दाखिल करा दिया था। जहां उसके पैर में प्लास्टर चढ़ाकर भर्ती करा दिया गया था। वहां पर उसने अपना नाम खिचड़ू निवासी भीटा, होलागढ़ बताया था। एसआरएन पुलिस चौकी के जरिए होलागढ़ थाने की पुलिस को सूचना देकर उसके घरवालों को सूचना देने को कहा गया था लेकिन होलागढ़ पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी।

दूसरी तरफ 29 जनवरी को खिचड़ू अस्पताल के वार्ड से बाहर निकल आया और वहां पर ईँट से मारकर अपने पैर का प्लास्टर काट डला और शौचालय की तरफ घिसटते हुए चला गया। वहीं पर उसकी रात में मौत हो गयी। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। उसकी लाश पर जब समाज सेवी मो. आरिफ की नजर पड़ी तो उन्होंने उसकी फोटो और डिटेल व्हाटसएप पर वायरल किया। जिसके बाद होलागढ़ पुलिस सक्रिय हुई और आखिरकार 31 जनवरी को उसके परिजन चीरघर पहुुंचकर उसकी शिनाख्त गुलाबचन्द्र पुत्र हरिलाल निवासी रामदासपुर, दहियावा, होलागढ़ के रूप में की। भाई फूलचन्द्र ने बताया कि उसकी पत्नी का नाम संतोषी देवी है। उसके एक पुत्र व एक पुत्री है। वह तीन भाई एवं एक बहन में दूसरे न बर का था। मजदूरी करता था। इधर कुछ मेंटल डिस्टर्व था। जिसकी वजह से कई-कई महीने गायब रहता था। शिना त के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें मौत की वजह से टीसीमिया निकली।

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