इस नवजवान आईएएस अफसर ने प्यार से दूर किया जातिगत भेदभाव की नफरत

सुमित भगत (सन्नी)

राहुल सिंह जाती से स्वर्ण है 26 वर्षीय युवा है ये गोपालगंज के कलेक्टर के पद पे तैनात हैं। इन्हें लगातार ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिली की इनके जिले के 1 विद्यालय में कुछ गांव वाले मिडडे मिल बनाने वाली का विरोध कर रहे है।विरोध का कारण वो विधवा दलित महिला निकली जो वंहा रसोईया का काम करती थी।

जब ये बात DM साहब को मालूम पड़ा तो DM राहुल सिंह खुद विद्यालय की ओर रवाना हो गए. देखने से ऐसा लगा कि डीएम के पहुचते ही जैसे विद्यालय में हड़कंप सा मच गया. डीएम ने उस महिला को बुलाया और बोला आज मीनू में क्या है महिला बोली चावल , दाल और सब्जी. डीएम ने उस महिला को कहा थोड़ा मुझे भी खिलाये. फिर क्या वो महिला उनके लिए खाना परोसा और डीएम राहुल सिंह वही विद्यालय के प्रांगण में जमीन पर बैठ कर औऱ भर पेट भोजन किया और वंही लगी नल से पानी भी पिया ..

वंही पढ़ रहे बच्चों और गाँव वालो को प्यार से समझाया किसी का कोई विरोध न् करें और हम सब एक समान्य हैं … इसलिए किसी का भेद भाव न् करें. और वहाँ से चल दिए , ये कहानी नहीं हकीकत ही जो बिहार के गोपालगंज के dm राहुल सिंह ने कर दिखया हैं । ये बिहार की धरती पर सारे आलाधिकारी इनके जैसे हो जाये तो शायद बिहार में बहार आने से कोई नही रोक सकता ।

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