जिले मे कुत्तो का फैला आंतक, बनाया चार मासूमो को अपना निवाला, एक की हुई मौत

फारूख हुसैन

लखीमपुर खीरी // जहां बीते दिन की हुई घटना की उस दहशत से लोग उबर भी नही पाये थे कि ताबड़ तोड़ तीन और घटनाओ से लोग के दिल और दिमाग सहित पूरे शरीर में एक सिहरन सी मचा दी है और अब लोगो के दिलों में एक ऐसा खौफ बैठ गया है जिसके चलते अब लोग अपने मासूम बच्चों को अकेला छोड़ना बिल्कुल भी मुनासिब ही नही समझ रहे है उनको डर है कि कही हमारा मासूम उन आदमखोरों कुत्तो का शिकार न बन जाये और फिर उस मासूम की दर्द भरी चीखो से उनका कलेजा न फट जाये ।

यह घटना लोगो को सोचने पर मजबूर करती नजर आ रही है कि अभी तक चार मासूम उन आदमखोर कुत्तो का शिकार बन चुके है जिसमें एक मासूम तो अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है और मासूमो का भी हाल बहुत बुरा है जो अपने बेतहासा शरीर से उठने वाले दर्द की भयानक पीड़ा से जूझने पर मजबूर हो रहे हैं ,पर उस मासूम का क्या जो बीते रात एक भयानक दर्द और चीख चिल्लाहट छटपटाहट के बाद अपनी जिंदगी से हार बैठा ।

एक अजीब सी सिहरन पूरे शरीर में बिजली की तीर्व गति से दौड़ जाती है जब उस मासूम की इतनी दर्दनाक मौत अपनी आंखो के सामने से एक आसमानी बिजली की भांती दौड़ जाती है कितना डरा होगा और कितना तड़पा होगा वह मासूम जब उन आदखोर कुत्तो ने उसे एक साथ घेरा होगा और उसे अपने नुकीले दातों से बूरी तरह नोचा होगा ।पर उन मासूमो का दर्द  केवल उसको ही महूसस होगा जिसमें मानवाता होगी दया होगी मामता होगी पर उसको नही जिसका दिल पत्थर का होगा तभी तो उनको उन मासूमों की चीखें नहीं सुनाई दे रही है या फिर इस तरह कहे कि उन्होने अपने कानो पर हाथ रखकर बंद कर रखा है  मेरी इस बात का इशारा शायद आप लोग समझ गये होगे कि मैं इस गूगे बहरे शासन और प्रशासन की बात कर रहा हूं जिसे उन मासूमो का दर्द दिखाई नही दे रहा है क्योकि यह दर्द उनको महसूस होता तो जरूर अभी तक उन वहशी आदमखोरों को रोकने के लिये वह कुछ कर रहे होते पर शायद उनकी स्थिरता उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान भी उभार रही है ।

 फिलहाल अब कौन क्या करता है वो जाने वैसे जानकारी के अनुसार अभी तक जिले मे पिछले 24घण्टे में उन आदमखोर कुत्तो ने चार मासूमो पर हमला किया है जिसमे एक दस के मासूम विशाल की मौत भी हो गई है और देखा जाये तो

अचानक उन आदमखोर कुत्तो के हमलों की घटनाओं में इजाफा हुआ है  बीते दिन ही कुत्ते ने एक बच्चे पर हमला कर पेट फाड़ दिया था जिसका इलाज चल रहा है वही  सदर कोतवाली क्षेत्र के पहड़ापुर गांव में इस मासूम को भी कुत्तो ने अपना निवाला बना डाला।पहले जंगली जानवरो से परेशान यहां के निवासी थे पर अब रिहाइशी इलाको में कुत्तो का आतंक है।

एक सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर मनुष्यो के हमेशा नजदीक रहने वाले यह कुत्ते एक दम से अचानक आदमखोर कैसे बन गये जो अब इंसानो पर ही हमला कर उन्हे मौत के घाट उतारने पर मजबूर हो गये यह सवाल अपने आप मे एक सवाल बनकर रह गया है कि आखिर उनको हुआ क्या है? क्या यह प्राक्रतिक तौर पर उनमें बदलाव है या फिर किसी तरह के उनके खाने मे हुए बदलाव की वजह से यह फिर खाद्य सामग्रियों मे आयेदिन हो रही रासायन  मिलावट या फिर कुछ और पर देखा जाये तो ऐसा लग रहा है कि उनमे कुछ भौतिक गुण के अलावा कुछ नये वहशी गुण भी पनप रहे हैं जो उनको यह सब करने पर मजबूर कर रहे है ।

फिलहाल अभी कुछ कहा नही जा सकता कि इनका बदलाव कैसे और क्यू बदल रहा है फिर भी यह सवाल सोचनीय बनता जा रहा है और रही बात इनको रोकने की तो वह भी अपने आप मे ही एक सवाल ही बन गया है ।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *