स्कूल नही गया बच्चा तो अभिभावक जायेगें जेल-ओमप्रकाश राजभर
बलिया : बिल्थरा रोड उत्तर प्रदेश सरकार के कैविनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि योगी सरकार ने यह पास किया है कि अगले सत्र से जो भी अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल नही भेजेगा उसे जेल भेजने का काम करेगें। कहा कि प्रदेश के 18 मण्डलों में दिब्यांगों बच्चों को पढ़ाने के लिए अगले अप्रैल से नया सत्र शुरु करने जा रहे हैं। मेरे ही प्रस्ताव पर धनवान व गरीबों के बच्चों में शिक्षा का सामाजिक स्तर सुधार करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैविनेट में फैसला लिया उसके बाद प्रत्येक प्राथमिक स्कूलों में भोजन के अलावे स्कूली बैग, कापी-किताब, ड्रेस, जूता-मोजा वितरित किया गया है। वर्ष 2011 की सर्वे में छूटे पात्र परिवारों को आवास सरकार देने जा रही है इसके लिए ब्लाक के बीडिओ व सचिव के नाम सादे पन्ने पर एक आवेदन करना होगा वह जांच कराकर पात्रता के आधार पर आवास दिलाने का काम करेगा। यदि उसने ऐसा नही किया तो एक शिकायती पत्र मुझे देना हम उसे 15 दिनों में उसे घर भेज कर उसकी छुट्टी कर देगें।
कैविनेट मंत्री राजभर यहां शनिवार की शाम पार्टी द्वारा आयोजित अति पिछड़ा, अति दलित व कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होने कहा कि हमारे विरोधी कल हमारी चाय पान की दुकानों पर शिकायत करते रहे है वे अब एक चाय की जगह पांच चाय पीकर हमारा गुणमान करते नही थक रहे हैं। उप्र के अन्दर 50 कोचिगं सेन्टर खोलने का प्रस्ताव पारित हो चुका है, उसमें विना भेद-भाव के ही पिछड़ी व अति दलित वर्ग के बच्चे भी एडमिशन लेगें। योगी सरकार की उपब्धियों गिनाते हुए उन्होने कहा कि पेंशन, शादी, शौचालय आवास आदि में दिब्यांगों के लिए 4 प्रतिशत का कोटा निर्धारित कर दिया है। पिछड़ी जातियों में 27 प्रतिशत कोटे में भी अब एक कमेटी का गठन हो गया है जो आरक्षण का लाभ देने के लिए तीन कटघरी में जांच कर शेष बचे पत्रों का चयन करेगी।
मुसलमानों की चर्चा करते हुए कहा कि जहां वे नौकरियों में 31 प्रतिशत थे वे आज मात्र एक प्रतिशत पर आ गये हैं। उनका भला उनके उन नेताओं ने कहां किया जिनके लिए वे आज तक उनके साथ रहे। वे मुसलमानों का भला कहां किया बल्कि सिर्फ आपस में लड़ाकर वोट की राजनीति करने का काम किया है। भाजपा के खिलाफ बरगला कर केवल वोट लेने का काम किया है, अब वह जमाना उनका लद चुका है।
इस मौके पर अभय नन्दन बरनवाल, राकेश राजभर, सूनील राजभर, बडे़लाल चैहान, सुनिल सिंह, अच्छेलाल राजभर, जितेन्द्र राम, रुद्रप्रताप सिंह, अभय लाल राजभर, मिथिलेश राजभर, सुग्रीव राजभर, अवधेश राजभर, देव नारायण राजभर, इन्द्रसेन राजभर, बृजेश राजभर आदि ने विचारों को रखा। अध्यक्षता अभिमन्यु राजभर, एवं संचालन रजनीश श्रीवास्तव व प्रमोद कुमार वर्मा ने किया।