उपचुनाव के बाज़ीगर शिवराज को उनके क्षेत्र में दिया ज्योत्रादित्य सिंधिया ने पटखनी, भाजपा का सुपडा साफ़

राम जी अग्रवाल.

मध्यप्रदेश का उप चुनाव कही न कही लोकसभा और विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. इस उपचुनावों को सीधे शिवराज बनाम सिंधिया के रूप में भी देखा जा रहा है, जहा एक तरफ शिवराज का अनुभव है वही दूसरी तरफ सिंधिया का युवा जोश और जूनून है. वैसे भी पिछले साल से ही शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार हाशिये पर रही और सरकार को अपनी साख बचाने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ी है. इन सबके बीच हो रहे मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा सीट पर उपचुनावों के दौरान शिवराज को काफी पसीने बहाने पड़े है. इस विधानसभा क्षेत्र के सहराई गाव पर ख़ास तौर पर लोगो की निगाह थी. इस गाव में शिवराज ने रात भी गुजारी है और चुनाव प्रचार के दौरान कुल चार दौरे भी किये है. अब भाजपा इसी गाव में कांग्रेस से पिछड़ गई है.

जी हां, मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा सीट के सेहराई गांव में कांग्रेस ने भाजपा को पछाड़ दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस गांव में रात को रुके थे और चार बार इस गांव में उन्होंने दौरा किया था. अशोक नगर की मुंगावली विधानसभा सीट की मतगणना में सेहराई गांव की काउंटिंग पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी. सेहराई गांव में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव ने भाजपा की बाई साहब यादव से 61 वोटों की बढ़त बनाई है. ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां रोड शो भी किया था. इसके अलावा उन्होंने किसान सम्मेलन में पहुंचकर सेहराई में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा था कि आपके यहां सांसद कांग्रेस का और विधायक कांग्रेस का. ऐसे में हमें अपना पैर रखने तक की जगह तक नहीं मिली. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने भी सेहराई मंडल में जनसंपर्क किया था. उन्होंने कहा था प्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीब, मजदूर, किसान, महिलाओं और पिछड़ों के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाईं.

‘युद्ध का नियम है कि दुश्मन को अपने मैदान में खींच कर लाओ और तब मारो.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों परीक्षा को लेकर देशभर के छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए यह बात कही थी. मध्य प्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल यानी कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीट पर उपचुनाव में यही हुआ. दरअसल, कोलारस-मुंगावली उपचुनाव में कांग्रेस के क्षत्रप ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर यह बात सटीक बैठती हुई नजर आई. सिंधिया ने शिवराज को अपने ही गढ़ में चुनावी बाजी में पूरी तरह से घेर कर हरा दिया.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में आने वाली अशोक नगर जिले की मुंगावली और शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को पटकनी दी है. मुंगावली में कांग्रेस के ब्रजेंद्र सिंह यादव ने भाजपा की बाई सिंह यादव को हराया, जबकि कोलारस में कांग्रेस के महेंद्र सिंह यादव ने भाजपा के पूर्व विधायक महेंद्र जैन को हराया. इन उपचुनावों की खास बात यह रही कि दोनों ही जगहों पर उम्मीदवार पीछे छूट गए थे और लड़ाई सिंधिया बनाम शिवराज सिंह चौहान के बीच केंद्रित हो गई थी. उपचुनाव जीतने में बाजीगर माने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान के साथ उनके मंत्रिमंडल की पूरी फौज ने दोनों विधानसभा में डेरा जमा दिया था. कई विधायक और पार्टी के सीनियर लीडर व केंद्रीय मंत्री भी यहां का दौरा कर प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगे थे. यहां तक की यशोधरा राजे सिंधिया को दरकिनार करने वाली पार्टी उन्हें फोकस में रखकर प्रचार में जुटी थी. लेकिन कोई भी तरकीब सिंधिया के गढ़ में उन्हें हराने के लिए नाकाफी साबित हुई.

कांग्रेस सांसद सिंधिया ने बड़ी चतुराई से इस लड़ाई को अपने बनाम पूरी शिवराज सरकार में बदल दिया था. मुंगावली में महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और कोलारस में रामसिंह यादव के निधन के बाद से ही सिंधिया ने इस पूरे इलाके में अपनी जमावट शुरू कर दी थी. इस जीत के बाद अब प्रदेश की राजनीति में हवा के बदलते रुख में सिंधिया का अंदाज भी बदला हुआ नजर आएगा.

अब शिवराज के विरोधी शिवराज की इस हार का मजाक बनाने से भी नहीं चुक रहे है, वही आने वाले संसदीय चुनावों में पार्टी को किस प्रकार विरोध का सामना करना पड़ सकता है इसका भी अंदाजा कही न कही भाजपा को हो रहा है.

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