जाने आखिर क्यों आया ब्राह्मण समाज बाबा रामदेव के विरोध में, क्यों फुका रामदेव का पुतला
सरताज खान
गाजियाबाद / लोनी रविवार के दिन दो नंबर बस स्टैंड के निकट अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों युवकों ने बाबा रामदेव द्वारा अपने एक धारावाहिक में ब्राह्मण समाज को गलत दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने के अलावा अन्य आरोप लगाते हुए उनका पुतला जलाया और वहां उनके विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
सुबह लगभग 10 बजे सौ फूटे रोड के सामने दिल्ली- सहारनपुर मार्ग पर पहुंचे ब्राह्मण समाज के सैकड़ों लोगों ने वहां बाबा रामदेव मुर्दाबाद व नहीं सहेंगे ब्राह्मण समाज का अपमान जैसे नारे लगाते हुए वहां बाबा रामदेव के पुतले पर जूते, चप्पल व डंडे बरसाते हुए उसका दहन कर दिया। प्रदर्शन के दौरान वहां उपस्थित महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रवेशदत्त भारद्वाज ने जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में एक धारावाहिक में जो रामदेव के जीवन पर आधारित है, ब्राह्मण समाज को गलत दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। उसमें ढेर सारी ऐसी अपमानजनक घटनाओं का समावेश किया गया है जो वास्तव में कभी घटी ही नहीं हैं। जैसे श्री कृष्ण के मंदिर में गोवर्धन नामक ब्राह्मण के द्वारा रामदेव को दंडित करना। जबकि वास्तव में रामदेव के गांव में कोई श्री कृष्ण का मंदिर ही नहीं है और न ही कभी उनको दंडित किया गया। साथ ही गोवर्धन नामक ब्राह्मण भी नहीं हुए हैं। अर्थात रामदेव ने इस धारावाहिक के जरिए समाज में भेदभाव को बढ़ावा देने जैसा काम किया है जो ब्राह्मण के अस्मिता व सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। यही नहीं रामदेव ने सार्वजनिक तौर पर ज्योतिष व नवग्रह के विज्ञान का भी उपहास उड़ाया था। इस कार्य से उन्होंने भारत की अवमानना की है।
उपरोक्त के अलावा एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए भारद्वाज ने बताया कि बाबा रामदेव की जीवनी लिखने वाले संदीप के अनुसार जब वह रामदेव की जीवनी लिख रहे थे तब रामदेव ने अपने किसी उत्पीड़न की बात उनसे नहीं कही थी। लेकिन विदेशी चैनल से प्रसारित इस कार्यक्रम में न जाने यह घटना कहां से आ गई। इससे सिद्ध होता है कि रामदेव के द्वारा जानबूझकर यह सामाजिक वैमनस्य खेला जा रहा है। भारद्वाज ने चेतावनी दी है कि रामदेव ने सनातन धर्म से खिलवाड़ किया है हिंदू समाज इसे कभी माफ नहीं करेगा यदि रामदेव ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की तो भारतीय ब्राह्मण महासभा पूरे उत्तर प्रदेश में पतंजलि प्रोजेक्ट का बहिष्कार करेगी।