पढ़े-लिखों ने डुबोई ‘लुटिया’, देखे फुलपुर पोलिंग की कुछ तस्वीरे
इलाहाबाद : मौका था ऐतिहासिक फूलपुर संसदीय क्षेत्र के लिए सांसद चुनने का। जनता उसके प्रति पूरी तरह से उदासीन रही। रविवार अवकाश का दिन होने के बावजूद मतदान के प्रति उत्साह कम रहा।
सबसे खराब स्थिति रही देश के सबसे बुद्धिजीवी क्षेत्र शहर उत्तरी की। यहां पढ़े-लिखे मतदाता पोलिंग बूथ जाने के बजाय घरों में कैद रहे। जो बुद्धिजीवी बड़े-बड़े मंचों पर लोगों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाते हैं, उन्होंने स्वयं मतदान से परहेज किया।
शहर उत्तरी में डॉक्टर, इंजीनियर, साहित्यकार, अधिवक्ता, प्रोफेसर, शिक्षक व छात्रों की संख्या अधिक हैं। यही कारण है कि नौ मार्च को तुलसी मंच पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शहर उत्तरी के लोगों से राष्ट्रहित में मतदान करने की अपील की थी।
इसके बाद ऐसा लगा था कि 11 मार्च को होने वाले मतदान में बुद्धिजीवी वर्ग मतदान के लिए घरों से बाहर निकलेगा लेकिन वैसा हुआ नहीं। पोलिंग बूथ में लाइन लगाने के बजाय अधिकतर लोगों ने घर में समय बिताया। नतीजा यह रहा कि सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुए मतदान में केंद्रों में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। लगभग हर पोलिंग बूथ पर दिनभर सन्नाटा परसा रहा।
डीपी गर्ल्स इंटर कॉलेज, एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज, ब्वायज हाईस्कूल, एमएल कांवेंट स्कूल, संत एंथोनी गर्ल्स इंटर कॉलेज सहित हर पोलिंग बूथ पर सुबह नौ बजे के बाद चंद लोगों की लाइन लगी लेकिन दस बजे के बाद धूप बढ़ने पर वह भी खत्म हो गई। कहीं दस लोगों की भीड़ थी, कहीं पांच की। दोपहर बाद सड़कों में थोड़ी चहल-पहल नजर आयी।
पोलिंग बूथों का नजारा इससे थोड़ा बदला। मतदान खत्म होने से एक घंटा पहले भीड़ बढ़ने पर 15-20 लोगों की लाइन लगने लगी। आश्चर्यजनक यह रहा है कि मतदाताओं में युवाओं की संख्या काफी कम रही।
हर पोलिंग बूथ पर प्रौढ़ व वृद्धों की संख्या अधिक नजर आयी। इसमें भी महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। हर पोलिंग बूथ पर 60 से 70 प्रतिशत संख्या महिलाओं की थी।