न ढोल कि थाप न कोई दिखावा, पैदल ही सादगी के साथ पहुचे नामांकन को वरिष्ठ पत्रकार गुप्ता जी
वीनस
वाराणसी. न ढोल की थाप न बग्घी की शान थी। कुछ था तो वो थे विचारों का चोला पहले वरिष्ट पत्रकार राजेंद्र कुमार गुप्त थे और उनके समर्थन में कलम के सिपाहीयो का हुजूम। गरिमा की मिसाल पेश कर रहे पत्रकार राजेंद्र कुमार गुप्त ने विधान सभा 2017 के चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन आज शहर उतरी विधान सभा से अपना नामांकन न्यायलय अपर जिलाधिकारी ( आपूर्ति) के कार्यालय में दाखिल किया ।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुये कहाकी आज तक किसी भी दल के प्रत्याशी ने पत्रकारों के लिये उनकी समस्याओ के लिये आवाज़ नहीं उठायी हे मैं खुद एक पत्रकार हूँ इसके नाते में पत्रकारों की मौलिक समस्याओं से परिचत हूँ में उनके लिये काम करूँगा। नामांकन के दौरान आर .ओ.रामकर सिंह यादव ने जो मेरे साथ अभ्रदता पूर्वक बात की उसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही। नामांकन को जाते समय श्री गुप्त के समर्थक ने भव्य स्वागत किया । सादगी पूर्वक श्री गुप्त अपनी पत्नी और पुत्री के साथ अपने आवास शिवपुर से पैदल ही सर्किट हॉउस पहुँचे । जहा उनके स्वागत के लिये पत्रकारो का हुजूम उमड़ पडा ।श्री गुप्त ने सबका अभिवादन लेते हुये आगे बढे।