नम हो गई काल की भी आँखे जब पंहुचा शहीद तिरंगे में लिपट कर गाव

संजय ठाकुर

चितबड़ागाँव (बलिया) – थाना क्षेत्र के उसरौली गांव निवासी सीआरपीएफ में कार्यरत 35 वर्षीय मनोज कुमार सिंह के नक्सली हमले में शहीद हो गए जिनका पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तकरीबन सात बजे बलिया पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन की अभिरक्षा में आया। शव के पहुंचते ही पूरा गांव शोकाकुल हो गया। थाना क्षेत्र के उसरौली गांव निवासी नरेन्द्र नारायण सिंह उम्र ( 70) वर्ष के दो पुत्र जिनमें शहीद मनोज कुमार सिंह बड़े थे जबकि छोटा भाई प्रमोद कुमार सिंह नोएडा में किसी प्राइवेट कम्पनी में काम करता है तथा दोनों भाई के दो – दो बेटे हैं ।

शहीद मनोज का बड़ा बेटा प्रिंस ( 6) वर्ष, छोटा बेटा प्रतीक ( 4) वर्ष और प्रमोद सिंह का बड़ा बेटा सौरभ व छोटा बेटा शिवम है । बताया जाता है कि शहीद के पिता नरेन्द्र नारायण सिंह भी सीआरपीएफ से सन – 2007 ई0 में दिल्ली से सेवानिवृत होकर घर आ गए थे जबकि शहीद मनोज सन – 2002 ई0 में कलकत्ता में सीआरपीएफ में भर्ती हो गए जो लगभग सोलह साल अभी सर्विस कर पाए । शहीद मनोज होली की छुट्टी में घर आए थे जो विगत दिनों पूर्व 10 मार्च दिन शनिवार को ही अपने ड्यूटी पर तैनात होने के लिए रवाना हुए थे कि मंगलवार की सुबह नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए । शव पहुंचते ही मां शांती देवी , दादी सरस्वती देवी , पत्नी सुमन सिंह सहित पुरा परिवार का रोते-रोते बुरा हाल हो गया । पुलिस प्रशासन सहित सीआरपीएफ के आलाअधिकारियों ने फायरिंग कर गार्ड आफ आनर देकर सम्मानित किया । शहीद मनोज का पार्थिव शरीर पीपरापुल के पास टोंस नदी के किनारे ले जाया गया तथा दाह संस्कार किया गया ।

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