स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियाँ उड़ा रहे स्वास्थ विभाग व नगर निगम जल निगम के आला अधिकारी
आदिल अहमद,
उत्तर प्रदेश का का उद्योगिक नगरी कहा जाने वाला कानपुर महानगर उद्योग का मामले में हमेशा अपनी अलग पहचान रखता है लेकिन यूपी का ये प्रसिद्ध महानगर स्वास्थ् एवं स्वछता के मामले में शून्य है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का प्रधानमंत्री बनने से लेकर अबतक विशेष रूप से एक मिशन चलाया जा रहा है जो कि स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के नाम से जाना जाता है
बताते चले कि सरकार बनने से लेकर अबतक लगभग चार बरस इस मिशन को चलाते चलाते पूरे होने को आय पर शायद इन स्वास्थ एवं स्वच्छ विभाक के अधिकारियों ने इस मिशन की मुहिम को ताक पर रख दिया है जिसका जीता जागता उदाहरण यूपी के कानपुर महानगर के छोटे से क्षेत्र दलेल पुरवा पेचबाग में स्थित एक बीमा अस्पताल में व उसके आसपास भरे पानी मे सड़ते कूड़े को देखकर आपको स्वयम अनुमान हो जाएगा कि किस तरह स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम जल निगम के अधिकारी किस तरह माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन व उनके आदेशो की धज्जियाँ उड़ा रहे है बताते चले कि कानपुर महानगर के दलेल पुरवा क्षेत्र में स्थिति ये अस्पताल लगभग तीस से चालीस वर्ष हुवे है पर यहां की जर्जर हालत और व्यवस्था देखने से ये अस्पताल सदियों पुराना कूड़े के ढेर पर बना एक खण्डहर की शक्ल में नज़र आता है
वही क्षेत्रीय जनता लगभग दस वर्षों से इसकी शिकायत सम्बन्धित विभागों से लगातार करती आरही है पर अधिकारियों द्वारा सिर्फ आस्वासन ही मिला है वही क्षेत्र की वरिष्ठ नागरिकों ने एवं भरतीय जनता पार्टी के वार्ड अध्यक्ष एवं सदस्यों ने बताया कि सम्बन्धित अस्पताल की अधीक्षक डॉ. अनीता प्रशाद से इन समस्याओं को अवगत कराया जाता है तो डॉ. अनीता प्रशाद जी का कहना है कि इस अस्पताल के लिए सरकार द्वारा कोई भी बजट पास नही होता अन्यथा होगा तो देखा जाएगा वही सूत्रों की माने तो अधीक्षक महोदया खुद ही ड्यूटी से आए दिन नदारत रहती है अस्पताल के अंदर से बाहर तक सालो से गड्डों में भरे पानी में सड़ रहे कूड़े से क्षेत्र में हैजा, मलेरिया , डायरिया, डेंगू, बुखार जैसी बीमारियों से आयेदिन किसी न किसी बच्चे को इन बीमारियों का सामना गम्भीर रूप से करना पड़ता है पर इससे स्वास्थ् विभाग व नगर निगम जल निगम को कोई मतलब नही अब सवाल ये उठता है कि जनता आखिर जाय तो कहा जाय देखिए मानीय प्रधान मंत्री जी ये आपके अधिकारी जब आपकी ही नही सुनते तो जनता की क्या सुनेंगे