“एन इंस्पेक्टर काँल्स”, एक सफल मंचन और सम्पूर्ण मनोरंजन

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद. संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘रविंद्रालय प्रेक्षागृह, मे आशुतोष बनर्जी द्वारा निदेर्शित नाटक ‘ एन इंस्पेक्टर काँल्स ‘ का मंचन किया गया। इस मंचन को शोषित वर्ग को मानसिकता के रूप मे बखूबी तरीकों से दर्शाया गया। यह मंचित नाटक की कथा एक गोवा के धनी ईसाई परिवार के ईद गिर्द घूमती है।

कैसे एक युवती ने एसिड पी कर आत्महत्या कर लेती है और शक की सूई इसी धनी परिवार विलियम के हर सदस्य की ओर घूमती है। उस परिवार का हर सदस्य इस आत्महत्या के थोड़ा थोड़ा जिम्मेदार है। क्यों कि युवती की इस परिवार मानसिकता की वजह से आत्महत्या के लिये कदम उठाया। और उन सभी की मानसिकता को इंस्पेक्टर ने अपने तरीकों से उजागर करने के लिये जाता है। और परिवार के हर सदस्य अपनी गलती स्वीकार करता है। तो कोई इसे गलत सिरे से खारिज करता है। अंत मे दर्शक नाटक को समझ पाते है कि सब विलियम परिवार के सदस्यों का आत्म मंथन था। जो इंस्पेक्टर को तहकीकात से रूबरू करता हुआ नजर आता है।

इसका मूल लेखन जेबी प्रिस्टले द्वारा रचित नाटक को हिंदी रूपांतरण , को अजय मुखर्जी ने किया। इस कार्यक्रम मे प्रकाश व्यवस्था सुजांल घोषाल ने किया और संगीत व संचालन शांकू तिवारी ने किया। इस नाटक मंचन को स्टेट पर प्रस्तुत अपूर्वा गुप्ता, कविता यादव, प्रजीता मिश्रा, अमित गुप्ता, अक्षत अग्रवाल, सौरभ शुक्ला, गौरव त्रिपाठी, शुभम वर्मा, नवीन सोनकर, सुधांशू गिरि, अमन रावत ने अपने अभिनय से लोगों को मंद मुंध कर दिया।

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