बालू की जमाखोरी पर पैनी नजर
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : जिला प्रशासन और खनन विभाग की अब बालू की जमाखोरी पर भी नजर है। किसी भी मंडी में निर्धारित मात्रा से अधिक बालू डंप पाई गई तो प्रशासन उसे सीज कर देगा। जल्द ही इसके लिए भी छापेमारी कराई जाएगी। बालू के दाम प्रदेश सरकार की ओर से निर्धारित कर दिए गए हैं। इससे बालू के दामों में लगभग एक हजार रुपये प्रति सौ फीट की गिरावट भी आई है। जल्द ही और घाटों पर पट्टे हो जाएंगे तो बालू का रेट और कम हो जाएगा। अभी जिले में गंगा, यमुना, टोंस, बेलन नदियों में कुल 46 घाटों पर पट्टा आवंटित किए गए हैं। अब 14 अन्य स्थानों पर भी इसी सप्ताह पट्टे आवंटित होंगे। वहीं रेट निर्धारित होने से कई स्थानों पर भारी पैमाने पर बालू डंप की जा रही है। इसकी शिकायत भी मिलने लगी है। जबकि, मंडियों तथा भंडारण वाले स्थानों पर निर्धारित मात्रा में ही बालू डंप की जा सकती है। इस बावत डीएम सुहास एलवाई का कहना है कि निर्धारित मात्रा से ज्यादा बालू डंप पाई गई तो उसे सीज करा दी जाएगी, फिर उस बालू को प्रशासन नीलाम कराएगा। इसके लिए जिला खनन अधिकारी वीपी यादव तथा गंगापार व यमुनापार के संबंधित तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए जा चुके हैं। 20 फीसद टूटा सरिया का कारोबार
इलाहाबाद : पिछले एक साल से बालू की कीमतें ऊंची चलने पर सरिया का कारोबार लगातार टूटता जा रहा है। करीब 20 फीसद की गिरावट आई है। एक महीने में औसत 10 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। जिले में जितने सरिया की खपत है उसका पूरा माल बाहर से आता है। कामधेनु, तारा और टाटा जैसे ब्रांड सरिया के अलावा कई लोकल सरिया की सप्लाई यहां पर होती है। बालू की कीमत बढ़ने से सीमेंट और सरिया के कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। व्यापारी विशाल सिंह बताते हैं कि पिछले एक साल में सरिया कारोबार में गिरावट आई है। इससे व्यापारी परेशान हैं। क्योंकि, व्यापारियों ने डिमांड पर सरिया तो मंगवाया था, लेकिन महंगी होने के कारण लोग मुट्ठी बंद करके निर्माण कार्य कर रहे हैं। व्यापारी प्रकाश डालमिया का कहना है कि अब बालू की कीमतें घटने के आसार हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा। जब तक बालू सामान्य रेट पर नहीं बिकेगी, तब तक निर्माण कार्य में तेजी नहीं आएगी। केवल बड़े प्रोजेक्ट ही पूरे होंगे।